भारत में फिल्में अपने साथ विवाद लेकर आएं यह कोई नई बात नहीं है. आर्टिकल 15 (Article-15) फिल्म भी अपने साथ नए विवादों को लेकर आई है. विवाद ऐसा है कि एक गांव में पुलिस फोर्स लगानी पड़ी. बदायूं दुष्कर्म कांड पर बनी फिल्म जब पर्दे पर आई तो पुराने जख्मों को एक बार फिर कुरेद दिया.
देश दुनिया को हिला देने वाले इस दुष्कर्म कांड में SIT बैठी लेकिन पीड़ित परिजनों को आज तक इंसाफ नहीं मिला. आर्टिकल-15 (Article-15) फिल्म बदायूं के इसी कांड से संबंधित है. लेकिन फिल्म में आरोपियों की जाति तथा तथ्य बदलने को लेकर विरोध जारी है.
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पीड़ित परिवार ने भी इसे लेकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी जिसके बाद शुक्रवार को गांव छावनी में तब्दील हो गया. एसपी सिटी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक जिले में कहीं कोई विरोध नहीं है.
बदायूं में नहीं चली फिल्म
फिल्म आर्टिकल 15 (Article-15) शुक्रवार को रिलीज हुई, लेकिन बदायूं में यह फिल्म नहीं चल पाई. दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक पीड़ित के भाई ने कहा है कि वह परिवार के साथ मोबाइल पर फिल्म देखेंगे. इसके बाद यह तय करेंगे कि फिल्म निर्माता पर केस दर्ज करना है या नहीं.
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पीड़ित परिवार ने ट्रेलर देखने के बाद आपत्ति जताई थी. जिसमें उनकी और आरोपितों की जातियां बदल दी गई थीं. फिल्म की कहानी को भी पूरी तरह बदल दिया गया था. वहीं ब्राह्मणों में इस बात का गुस्सा था कि आरोपियों की जाति ब्राह्मण दिखाई गई है. ग्राम प्रधान मूल चंद मिश्रा के आवास पर पहुंचे ब्राह्मण समाज के लोगों ने कहा कि फिल्म देखने के बाद फिल्म निर्माता पर केस करने के बारे में सोचा जाएगा.
बदायूं रेप कांड
आपको बता दें कि उसहैत थाना क्षेत्र के कटरा सआदतगंज की रहने वाली दो नाबालिग चचेरी बहनों की हत्या हुई थी. 26 मई 2014 को दोनों शौच जाने को कहकर घर से निकली थीं. लेकिन देर रात तक वह घर नहीं लौटीं. जिसके बाद परिजनों ने शवों को आम के बाग में पेड़ से लटका पाया.
रात में ही जब हंगामा मचा तो गांव के पप्पू यादव, अवधेश यादव उर्वेश यादव समेत कटरा पुलिस चौकी पर तैनात कांस्टेबल सत्यपाल व सर्वेश पर मुकदमा दर्ज किया गया.
Source : News Nation Bureau