कुछ समय पहले तक युवा असद (Asad) अहमद के खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं था. हालांकि उत्तर प्रदेश के 'मोस्ट वांटेड' अपराधी असद ने 24 फरवरी को प्रयागराज की एक व्यस्त सड़क पर दिनदहाड़े उमेश पाल (Umesh Pal) की आधा दर्जन शूटरों के साथ हत्या कर दी थी. उमेश पाल की हत्या के बाद इधर-उधर छिपते घूम रहे असद को आखिरकार गुरुवार को यूपी एसटीएफ ने झांसी में हुई एक मुठभेड़ में ढेर कर दिया. असद गैंगस्टर से राजनीतिज्ञ बने अतीक अहमद (Atiq Ahmad) का तीसरा बेटा था. कहा जाता है कि उसने पिछले साल अगस्त में अतीक के खूंखार गिरोह की कमान संभाली थी, जब उसके दो बड़े भाइयों ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था.
लखनऊ से गैंग ऑपरेट कर रहा था असद
यूपी पुलिस के सूत्रों ने बताया कि असद लखनऊ से गैंग आपरेट करता था, जहां से उसने एक टॉप स्कूल से 12वीं पास की थी. असद अपने परिवार के आपराधिक रिकॉर्ड की वजह से आगे की पढ़ाई के लिए विदेश नहीं जा सका, क्योंकि उसका पासपोर्ट क्लियर नहीं हुआ था. उमेश पाल के सीसीटीवी फुटेज में कैद होने तक वह पुलिस के राडार पर नहीं था. असद के सिर पर उसके परिवार के किसी अन्य सदस्य की तुलना में सबसे अधिक 5 लाख रुपये का इनाम था. असद के पिता अतीक अहमद गुजरात की साबरमती जेल में बंद हैं, जबकि चाचा अशरफ यूपी की बरेली जेल में. उनकी अनुपस्थिति में अतीक के दो बड़े बेटे उमर और अली पिछले कुछ वर्षों से खूंखार गिरोह चला रहे थे. उन दिनों असद पढ़ाई कर रहा था.
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बड़े भाइयों के जेल जाने के बाद असद ने संभाला गिरोह
पुलिस को संदेह था कि असद ने उमेश पाल की हत्या की योजना बनाने के लिए जेल से अतीक और अशरफ से निर्देश लिए थे, जिनके साथ अहमद परिवार की लंबे समय से दुश्मनी थी. कहा जाता है कि असद ने अन्य शूटरों का नेतृत्व किया था. असद को एक एसयूवी से निकलते हुए और पिस्तौल से उमेश पाल पर गोली चलाते हुए सीसीटीवी फुटेज में देखा गया था. अतीक का सबसे बड़ा बेटा उमर 2018 में सुर्खियों में आया था, जब उसने लखनऊ में एक प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल का अपहरण कर देवरिया जेल ले गया, जहां अतीक अहमद बंद था. रंगदारी न देने पर जायसवाल पर हमला किया गया था. अतीक के नंबर दो बेटे अली पर भी हत्या के प्रयास और रंगदारी के मामले दर्ज हैं.
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अतीक के दो नाबालिक बेटे भी किशोर जेल में बंद
जांच एजेंसियों द्वारा अतीक अहमद के दोनों बड़े बेटों पर इनाम घोषित किए जाने के बाद दोनों भाइयों ने पिछले साल जुलाई में अदालतों में आत्मसमर्पण कर दिया था. उन्हें डर था कि पुलिस मुठभेड़ में उनका सफाया कर सकती है. इसके बाद असद ने गिरोह की बागडोर संभाली. अतीक के दो और नाबालिग बेटे आजम और अबान हैं, जो क्रमश: 10वीं और 8वीं कक्षा में पढ़ते हैं. आजम और अबान वर्तमान में एक किशोर केंद्र में बंद हैं. पुलिस ने कहा कि उन्होंने उन्हें उमेश पाल की हत्या के बाद लक्ष्यहीन घूमते पाया, जबकि उनकी मां शाइस्ता परवीन ने अदालत में एक आवेदन दायर किया कि पुलिस बेटों को उनके घर से ले गई थी. परवीन भी उमेश पाल हत्याकांड मामले में आरोपी है और फरार है.
HIGHLIGHTS
- अतीक के बड़े बेटों के सरेंडर के बाद असद ने संभाली गिरोह की कमान
- लखनऊ से अतीक अहमद के गैंग को ऑपरेट करता था असद अहमद
- परिवार के आपराधिक इतिहास की वजह से नहीं बन सका था पासपोर्ट