ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM chief Asaduddin Owaisih) ने जनसंख्या नियंत्रण बिल ( UP Population Control Bill proposal ) को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधा है. ओवैसी ने इसको मोदी सरकार के खिलाफ फैसला करार दिया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने दिसंबर 2020 में एक याचिका के जवाब में सर्वोच्च न्यायलय में अपना हलफनामा प्रस्तुत किया था, जिसमें कहा गया था कि अंतरराष्ट्रीय अनुभव बताता है कि इससे जनसांख्यिकीय विकृति (Demographic Distortion) जन्म लेगी. ओवैसी ने कहा कि फिर योगी सरकार ऐसे में कैसे मोदी सरकार के खिलाफ जा सकती है.
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In Dec 2020 affidavit, Modi govt had said that due to declining Total Fertility Rate (TFR) , there cannot be a two-child policy in the country. Yogi govt, on the other hand, is opposing it: AIMIM chief Asaduddin Owaisi on on UP Population Control Bill proposal. pic.twitter.com/gkUXECMckF
— ANI UP (@ANINewsUP) July 15, 2021
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असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अगर जनसंख्या नियंत्रण की यह नीति हर जगह लाई जाएगी तो इसका सबसे बड़ा खामियाजा देश की महिलाओं को भुगतना होगा, क्योंकि बच्चे पैदा न करने के लिए महिलाओं को अबॉर्शन का सहारा लेना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि अगर पीएफआर रेट 2000 की जनसंख्या को देखें तो बिना किसी नीति के ही 3.2 से घटकर 2018 में 2.2 पर आया गई. ये कैसे हुआ? ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल केंद्र सरकार के हलफनामे का हवाला देते हुए कहा कि अगर मोदी सरकार दो बच्चों की पॉलिसी को मानने को तैयार नहीं है तो फिर योगी सरकार कैसे उसके खिलाफ जा रही है?
As per year 2000 population policy, TFR has reduced from 3.2% to 2.2% in 2018, without incentives. In Dec 2020, Centre in an affidavit mentioned that "international experience shows that any coercion to have no. of children is counter productive: AIMIM chief Asaduddin Owaisi pic.twitter.com/tRrB0LQ33T
— ANI UP (@ANINewsUP) July 15, 2021
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आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर नई जनसंख्या नीति 2021-30 का अनावरण किया था. प्रस्तावित नीति के माध्यम से परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत जारी गर्भनिरोधक उपायों की सुलभता बढ़ाने तथा सुरक्षित गर्भपात के लिए उचित व्यवस्था उपलब्ध कराने के प्रयास किये जायेंगे तथा दूसरी ओर उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं के माध्यम से जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रयास किये जायेंगे. नपुंसकता/बांझपन के लिए सुलभ समाधान और शिशु और मातृ मृत्यु दर को कम करना में इसमें शामिल है.
Source : News Nation Bureau