उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में अभी करीब साल भर का वक्त है, लेकिन सियासी पार्टीयां अपना चुनावी दांव चलना शुरू कर दिया है. वहीं, इसी बीच एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि 2022 में योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री नही बनने देंगे. इसके बाद वक्फ मंत्री मोहसिन रज़ा ने कहा कि ओवैसी के चेहरे और पर योगी की धमक साफ नजर आ रही है. दरअसल, कुछ दिन पहले ओवैसी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की हैं, जिसके बाद से यूपी की सियासी फिजा बदल गई है. अनुमान लगाया जा रहा है कि ओवैसी प्रदेश में छोटे दलों के साथ गठबंधन कर चुनाव लडेंगे.
असदुद्दीन ओवैसी के पास यूपी में ज्यादा कुछ खोने के लिए नहीं है. ऐसे हालातों में वह खेल बिगाड़ सकते हैं. ओवैसी पूर्वांचल में ओम प्रकाश राजभर के ‘भागीदार संकल्प मोर्चा’ के साथ हैं. वहीं दूसरी तरफ पश्चिमी और मध्य यूपी में चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी से गठबंधन की चर्चाएं चल रही हैं. एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन औवैसी यूपी में दलित और मुस्लिम वोटरों के बीच अपनी पैठ बनाना चाहते हैं. असदुद्दीन ओवैसी चंदशेखर की आजाद समाज पार्टी से गठबंधन कर दलित और मुस्लिम वोटरों के बीच पैठ बनाने की योजना बना रहे हैं.
ओवैसी की पार्टी ने अभी तक इन राज्यों में विधानसभा का चुनाव लड़ा है
तेलंगाना में साल 2018 के विधासभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने सात सीटों पर कब्जा जमाया. 2019 में महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव में AIMIM के हिस्सो दो सीटें आयीं. साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में ओवैसी ने बड़े बड़े राजनीतिक पंडितों को धोखा देते हुए पांच सीटें जीती. ओवैसी ने यह पांचों सीटें सीमांचल इलाके में जीतीं. इसस पहले 2019 में ही बिहार में विधानसभा के उपचुनाव में AIMIM ने 1 सीट जीती थी. बिहार में पांच सीट जीतने के बाद बंगाल के चुनाव में उतरे ओवैसी को किस्मत और जनता दोनों ने साथ नहीं दिया. यहां ओवैसी की पार्टी का खाता भी नहीं खुला. लोकसभा चुनाव की बात करें तो साल 2019 के चुनाव में ओवैसी की पार्टी के हिस्से दो सीटें आयीं.
HIGHLIGHTS
- असदुद्दीन ओवैसी के पास यूपी में ज्यादा कुछ खोने के लिए नहीं है
- तेलंगाना में साल 2018 के विधासभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने सात सीटों पर कब्जा जमाया
- 2019 में महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव में AIMIM के हिस्सो दो सीटें आयीं