आगरा के ताजमहल में नमाज को लेकर एक इतिहासकार द्वारा आरटीआई के जरिए मांगी गई जानकारी पर पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) ने चौंकाने वाला जवाब दिया है. इस जवाब पर एक बार फिर ताजमहल को लेकर विवाद शुरू हो सकता है. एक इतिहासकार ने ताजमहल में कब से नमाज पढ़ी जा रही है, इसको लेकर आरटीआई के जरिए एएसआई से जवाब मांगा था. जिसका जवाब देते हुए एएसआई ने कई चौंकाने वाला खुलासा किया है. ऐसा माना जा रहा है कि ताजमहल में नमाज के लेकर नया विवाद छिड़ सकता है.
ASI के ताजमहल में नमाज पढ़ने का नहीं है ब्योरा
दरअसल, आगरा के ताजमहल को लेकर कई तरह के दावे किए जाते हैं. इसको लेकर विवाद भी होता रहता है. लेकिन इन विवादों के बीच एक इतिहासकार राजकिशोर राजे ने ताजमहल में नमाज को लेकर आरटीआई लगाई थी. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) ने आरटीआई के जरिए मांगी गई सूचना के जवाब में कहा है कि ताजमहल में नमाज पढ़ने को लेकर कोई ब्यौरा मौजूद नहीं है. इतिहासकार राजकिशोर राजे ने कहा कि शाहजहां के समय से जुड़े किसी भी ग्रंथ में नमाज का जिक्र नहीं है. उन्होंने कहा कि शाहजहां के शासन काल में ताजमहल के आम लोगों के आने पर अनुमति नहीं थी. ऐसे में उस समय ताजमहल में नमाज होने का सवाल ही नहीं उठता है.
नमाज पढ़ने पर गिरफ्तार हुए थे चार लोग
इतिहासकार राजकिशोर राजे ने कहा कि किसी भी ऐतिहासिक स्थल या स्मारक पर किसी भी तरह की धार्मिक चीजें नहीं होनी चाहिए. बता दें कि हाल ही में ताजमहल में नमाज के लिए चार पर्यटकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. इनमें तीन हैदराबाद और एक आजमगढ़ के रहने वाले हैं. इनके खिलाफ पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज किया था. हालांकि, आरोपियों ने कहा था कि उन्हें जानकारी नहीं थी कि ताजमहल पर नमाज पढ़ना मना है.
HIGHLIGHTS
- ASI के जवाब पर होने की बढ़ी आशंका
- ASI के पास नमाज पढ़ने का नहीं है ब्यौरा
- नमाज पढ़ने पर चार लोगों की हुई थी गिरफ्तारी
Source : News Nation Bureau