सहायक अध्यापकों के लिए बड़ी खबर आई है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सहायक अध्यापकों को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने कहा कि सहायक अध्यापकों से बीएलओ की ड्यूटी ना कराया जाए. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीएलओ की ड्यूटी के लिए सहायक अध्यापक को लेने पर रोक लगा दिया है. कोर्ट ने प्रदेश सरकार से दो हफ्ते में इस मामले में जवाब मांगा है. मुरादाबाद की सहायक अध्यापिका पारुल गुप्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह बात कही है.
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याची मेथाडिस्ट गर्ल्स इंटर कॉलेज मुरादाबाद के प्राइमरी सेक्शन में सहायक अध्यापिका हैं. उपजिलाधिकारी ने आदेश पारित कर याची को बूथ लेबल ऑफिसर की ड्यूटी दी. जबकि सुनीता शर्मा केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अध्यापकों से गैर शैक्षणिक कार्य नहीं लेने का आदेश दिया है. अध्यापकों से गैर शैक्षणिक कार्य लेना शिक्षा के अधिकार अधिनियम का भी उल्लंघन है.
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कोर्ट ने इस मामले को विचारणीय मानते हुए राज्य सरकार से दो हफ्ते में जवाब मांगा है. कोर्ट ने याची से बीएलओ की ड्यूटी नहीं लेने का आदेश दिया है. जस्टिस सुमित कुमार की एकल पीठ नेआदेश दिया है. कोर्ट का कहना है कि अध्यापक का काम है कि वे शिक्षा से जुड़े रहें न कि गैर शैक्षिक कार्य में शामिल हो. इसके लिए सरकार व्यवस्था करें. सरकार को दो हफ्ते में इसका जवाब मांगा है.