Atiq-Ashraf Murder: अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद से ही लोगों के दिमाग में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. इस हत्याकांड को लेकर रोजाना कई खुलासे भी हो रहे हैं. तीनों शूटरों से पुलिस और एसआईटी पूछताछ कर रही है जिसमें ये लोग कई राज उगल रहे हैं. अतीक-अशरफ की हत्या को पांच दिन हो गए हैं, लेकिन अब भी कई सवाल लोगों के जहन में बने हुए हैं. इस बीच इन दिनों ही माफियाओं की हत्या के आरोपियों में से एक सनी ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. पूछताछ के दौरान उसने इस बात से पर्दा उठाया है कि आखिर शूटआउट के बाद इन तीनों ने 'जय श्री राम' के नारे क्यों लगाए.
सनी ने खोला बड़ा राज
अतीक अहमद और अशरफ को 15 अप्रैल को प्रयागराज में पेशी के बाद डॉक्टरी जांच के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था. उसी दौरान पत्रकारों के भेस में तीन युवक वहां आते हैं और मौका मिलते ही दोनों माफियाओं पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर देते हैं. इस फायरिंग के तुरंत बाद ये तीनों ही जय श्री राम के नारे लगाने लगते हैं और खुद को पुलिस के हवाले कर देते हैं यानी सरेंडर कर देते हैं. गोलियां बरसाने के बाद इन तीनों ने जयश्री राम के नारे क्यों लगाए इस सवाल के जवाब में इन तीनों शूटरों में से एक सनी ने बड़ा खुलासा किया है.
सनी ने बताया कि, जिस वक्त हम गोली चला रहे थे, हमारे दिमाग में और कुछ नहीं था. लेकिन फायरिंग के बाद हम बुरी तरह डर गए थे. डर की वजह से ही हमने जय श्रीराम के नारे लगाना शुरू कर दिए. एक ने जब जय श्रीराम कहना शुरू किया तो दूसरों ने भी नारे लगाने शुरू कर दिए. इसके बाद हमने खुद को पुलिस के हवाले कर दिया.
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मनोवैज्ञानिक ढंग से भी पूछताछ
अतीक-अशरफ की हत्या करने वालों से पुलिस और एसआईटी की टीम मनोवैज्ञानिक ढंग से भी पूछताछ में जुटी है ताकि इस स्तर पर भी अगर कोई खुलासा होता है वो आगे की कार्रवाई में काम आ सकता है. पुलिस का मानना है कि इसमें फायदा भी मिल रहा है और आरोपी बड़े खुलासे भी कर रहे हैं.
जय श्रीराम के नारे से एतराज
दरअसल अतीक-अशरफ की हत्या के बाद आरोपियों की ओर से लगाए गए जय श्रीराम के नारे को लेकर कई नेताओं ने एतराज भी जताया है. उनका मानना है कि, किसी भी धार्म से जुड़ा नारा लगाकर किसी की हत्या करना ठीक नहीं है. इससे समाज में गलत संदेश भी जाता है और आस्था को भी ठेंस पहुंचती है. धार्मिक नारे किसी को अपराध करने के लिए नहीं उकसाते हैं. नारे को लेकर एतराज जताने वालों में हिमाचल प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह और एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी प्रमुख रूप से शामिल हैं.
HIGHLIGHTS
- अतीक-अशरफ की हत्या के बाद क्यों लगे जय श्रीराम के नारे
- माफियाओं के हत्यारों ने पूछताछ में उगले कई राज
- कई नेताओं ने भी हत्या के बाद नारे को लेकर जताई थी आपत्ति