उत्तर प्रदेश सरकार ने मारे गए गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद की प्रयागराज में लगभग ₹50 करोड़ की संपत्ति अपने कब्जे में ले ली है. पुलिस के मुताबिक, इस संपत्ति को कथित तौर पर आपराधिक गतिविधियों के पैसे से खरीदा गया था. जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) गुलाब चंद्र अग्रहरि ने बताया कि, अतीक ने अपराध से जुड़ी गतिविधियों के पैसे से 2.377 हेक्टेयर जमीन हासिल की और उसे हुबलाल नाम के राजमिस्त्री के नाम दर्ज करा दिया था. अतीक का ये भी दावा था कि, अगर जरूरत पड़ी तो वह जमीन अपने नाम कर लेगा. बता दें कि, पुलिस ने इस जमीन को नवंबर 2023 में जब्त किया था.
अग्रहरि ने कहा कि, अतीक की संपत्ति को पुलिस कमिश्नर कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट की धारा 14(1) के तहत जब्त कर ली है. साथ ही जवाब देने के लिए तीन महीने का समय दिया गया है. हालांकि, स्वामित्व का कोई प्रमाण नहीं दिया गया है.
राज्य सरकार को हस्तांतरित कर दी संपत्ति
इस कार्रवाई के बाद, पुलिस कमिश्नर कोर्ट ने इसके बाद मामले को प्रयागराज की गैंगस्टर कोर्ट में भेजा दिया है. मंगलवार को, न्यायाधीश विनोद कुमार चौरसिया ने पुलिस आयुक्त की कार्रवाई को "निष्पक्ष और उचित" करार देते हुए संपत्ति आधिकारिक तौर पर राज्य सरकार को हस्तांतरित कर दी है.
अदालत के फैसले के बाद डीसीपी (city) दीपक भुकर ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि, "पहली बार, गैंगस्टर कोर्ट (प्रयागराज) ने 15 जुलाई को कटहुला गौसपुर गांव में मारे गए गैंगस्टर अतीक अहमद की बेनामी संपत्ति को राज्य सरकार को सौंपने का आदेश दिया है. प्रयागराज पुलिस ने अतीक की करोड़ों रुपये की बेनामी संपत्ति 6 नवंबर, 2023 को गैंगस्टर एक्ट के तहत सदर तहसील के कटहुला गौसपुर गांव में कुर्क की थी.
इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि, अतीक के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत एक मामले की जांच करते समय, उन्हें पता चला कि अतीक के पास हवाईअड्डा पुलिस स्टेशन क्षेत्र में हुबलाल के नाम पर संपत्ति है. पूछताछ के दौरान हुबलाल ने खुलासा किया कि, उसका संपत्ति से कोई लेना-देना नहीं है और अतीक ने 2015 में उस पर जमीन अपने नाम पर रजिस्ट्री करने के लिए दबाव डाला था.
अतीक और अशरफ की हत्या..
मालूम हो कि, उमेश पाल हत्याकांड समेत 100 से अधिक आपराधिक मामलों में शामिल अतीक और उसके भाई अशरफ की पिछले साल 15 अप्रैल को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
Source : News Nation Bureau