एटीएस ने गिरफ्तार जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को आमना सामना कराया. इस दौरान आतंकियों ने पूछताछ में कई खौफनाक राज खोले हैं. कस्टडी में होने के बावजूद आतंकियों के चेहरे पर जरा भी सिकन नहीं थी. जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े आतंकियों का एटीएस ने गुरुवार को आमना सामना कराया. आतंकी नदीम और हबीबुल एक-दूसरे को पहचान नहीं पाए. जब एक-दूसरे ने अपनी-अपनी वर्चुअल आईडी बताई, तो पता चला कि वह एक ही टेलीग्राम ग्रुप में जुड़े हुए हैं. काफी बातचीत भी हुई है. इसी तरह तरह के कई अहम राज खुले.
एटीएस समेत अन्य जांच व सुरक्षा एजेंसियां उनसे पूछताछ करने में जुटी हैं. सूत्रों के मुताबिक एटीएस ने इन आंतकियों का आमना-सामना कराया. दोनों ने जैश से जुड़े होने की बात फिर से कबूल की. इस दौरान नदीम को पता चला कि हबीबुल ने ही उसको वर्चुअल आईडी उपलब्ध कराई थी. एटीएस की कस्टडी में होने के बावजूद आतंकियों के चेहरे पर जरा भी सिकन नहीं थी. हां, उनको यह अफसोस जरूर था कि वह पूर्व भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा की हत्या को अंजाम नहीं दे सके. वह दोनों बोले कि नूपुर शर्मा को जीने का हक नहीं है. इसलिए उनको मारने की साजिश रची थी. उनका कहना है कि कोई न कोई बदला जरूर लेगा. यह सुनकर अफसर भी हैरान रह गए. एटीएस आगे भी इनसे पूछताछ करती रहेगी. इनको झारखंड, महाराष्ट्र, गुजारात व कश्मीर भी ले जा सकती है.
Source : Anil Yadav