14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद देश की जांच एजेंसियों चौकन्नी हैं. इसी के चलते उत्तर प्रदेश के एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए देवबंद से 2 संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया था. आतंकियों को जब शनिवार को लखनऊ के एटीएस कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया गया तो वकीलों ने उनका विरोध किया. इस बीच पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी भी की गई. जिसके चलते दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश नहीं किया जा सका. विरोध प्रदर्शन के चलते दोनों आतंकियों को देर रात दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया. जहां से उन्हें 10 दिन की हिरासत में भेज दिया गया.
Lucknow: ATS couldn't produce the accused before the court due to protests by lawyers. https://t.co/wFCRvQFRDc
— ANI UP (@ANINewsUP) February 23, 2019
उत्तर प्रदेश की एटीएस (ATS) ने देवबंद में छापेमारी कर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शाहनवाज हुसैन तेली और आकिब अहमद को गिरफ्तार किया है. उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि मेरठ के देवबंद में छापेमारी के दौरान जैश के दो आतंकी पकड़े गए. छापेमारी के दौरान दोनों आतंकी के पास से 32 बोर का पिस्टल, 30 कारतूस, कुछ फोटो और वीडियो मिले हैं. शाहनवाज ग्रेनेट बनाने में माहिर है. दोनों 30 से 32 साल के हैं.
उन्होंने कहा, शाहनवाज हुसैन कश्मीर के कुलगाम और आकिब पुलवामा का रहने वाला है. शाहनवाज हुसैन यहां के लोगों को आतंकवादी संगठन में भर्ती कराता था. डीजीपी ने बताया कि अब दोनों आतंकी को ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया जाएगा. इनके बाकी साथियों की भी तलाश की जा रही है. साथ ही ये भी पता लगाया जाएगा कि अभी तक शाहनवाज हुसैन कितने लोगों को आतंकवादी संगठन में भर्ती कराया है. डीजीपी ने आगे कहा, जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी शाहनवाज हुसैन तेली काफी शातिर था और उसे ग्रेनेड बनाने में भी महारात हासिल है. ये दोनों देवबंद में बिना एडमिशन के रह रहे थे.
डीजीपी ने कहा, यूपी पुलिस को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से यह सूचना मिली कि कुछ छात्र बिना एडमिशन के देवबंद में रह रहे थे. इस पर ATS ने छापेमारी कर दोनों आतंकी को गिरफ्तार कर लिया. यूपी एटीएस अब दोनों आतंकी को एटीएस कोर्ट में पेश करेंगे. फिर दोनों को रिमांड में लेकर फंडिंग कौन कर रहा है इसकी जानकारी करेंगे. डीजीपी ने बताया कि अभी दोनों आतंकी से पूछताछ हो रही है. कुछ और अहम जानकारियां मिलेंगी. उसे हम मीडिया से सांझा करेंगे. उन्होंने कहा, पुलवामा हमले से इनका लिंक है या नहीं ये कहना अभी मुश्किल है. हम पूछताछ के बाद ही ये क्लियर कर पाएंगे. ये लोग पुलवामा घटना पहले यहां पर आए है या बाद में. ये जांच का विषय है.