अयोध्या मामले (Ayodhya Case) में उच्चतम न्यायालय के हाल के निर्णय पर बाकी पक्षकारों की ओर से आज सुप्रीम कोर्ट में चार पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल की जाएंगी. इस मामले में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के सचिव जफरयाब जिलानी ने बताया कि कुल छह पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल की जानी हैं जिनमें से शुक्रवार को चार याचिकाएं दाखिल कर दी जाएंगी.
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सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से मिसबाहुद्दीन, मौलाना हसबुल्ला, हाजी महबूब और रिजवान अहमद द्वारा पुनर्विचार याचिकाएं दायर की जाएंगी.
इन सभी याचिकाओं में वकील राजीव धवन जिरह करेंगे. जफरयाब जिलानी ने बताया कि ये याचिकाएं महफूजुर्रहमान, मिसबाहुद्दीन, हाजी महबूब, मोहम्मद उमर, हाजी असद, उनके भाई रिजवान और मौलाना हसबुल्ला की तरफ से दाखिल होंगी. इनमें से असद और रिजवान संयुक्त रूप से याचिका दाखिल करेंगे और जमीयत द्वारा दाखिल याचिका को भी मिला लें तो कुल सात याचिकाएं दाखिल की जाएंगी. जिलानी ने बताया कि इससे पहले जमीयत उलमा-ए-हिन्द की तरफ से मौलाना अशहद रशीदी पहले ही पुनर्विचार याचिका दाखिल कर चुके हैं.
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मालूम हो कि एआईएमपीएलबी ने अयोध्या मामले में गत 9 नवंबर को दिए गए निर्णय को विरोधाभासी बताते हुए इस पर पुनर्विचार की याचिका दाखिल कराने का फैसला किया था. न्यायालय ने 9 नवम्बर के फैसले में विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण कराने और मुसलमानों को मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में किसी अन्य स्थान पर 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था.
जफरयाब जिलानी ने छह दिसम्बर को बाबरी विध्वंस की बरसी पर 'यौम-ए-गम' मनाये जाने के सवाल पर कहा कि बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी ने अपनी विभिन्न जिला कमेटियों से कहा है कि अगर वे चाहें तो गम मना सकती हैं, क्योंकि अभी बाबरी मस्जिद मामले का पूरी तरह निपटारा होना बाकी है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो