अयोध्या में राममंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर विश्व हिन्दू परिषद (VHP) भी सतर्कता बरत रही है. निर्णय आने से पहले विहिप ने इस पर अनर्गल बयानबाजी करने पर पाबंदी लगा दी हैं, जिससे माहौल न खराब हो सके. सूत्रों की मानें तो राममंदिर फैसले को लेकर आरएसएस बहुत ज्यादा संजीदा है. अयोध्या (Ayodhya ) मामले में इसके निर्णय के पहले और बाद में भी किसी प्रकार का कोई माहौल न खराब हो, इसे लेकर कई स्तर की बैठकें चल रही हैं. संघ के बड़े नेताओं ने दिल्ली में डेरा डाल रखा है.
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प्रांत प्रचारक और उससे छोटे पदाधिकारी अपने-अपने प्रांतों में बैठकें कर विभिन्न प्रकार से संयम और शांति बहाल रखने की अपील में लगे हुए हैं. संघ ने इसको लेकर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच को विशेष रूप से जिम्मेदारी सौंपी है, जिसके बाद बड़े मुस्लिम चेहरों से संवाद स्थापित करके अमन और शांति का माहौल कायम करने की पहल की जा रही है. विश्व हिंदू परिषद संत समाज के लगातार सम्पर्क में है और उनसे चर्चा कर रहा है.
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योगी सरकार ने अपने बड़बोले मंत्रियों की अनर्गल बयानबाजी पर पहले ही रोक लगा रखी है, जिससे किसी प्रकार का माहौल न खराब हो. हलांकि इस मामले को लेकर मुस्लिम धर्मगुरु और मौलाना भी अपने ढंग से सौहार्द और अमन स्थापित करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं. विश्व हिन्दू परिषद ने अवध प्रांत में होने वाले त्रिशूल दीक्षा कार्यक्रम को बहुत पहले ही रोक दिया था. अपने हित चिंतक अभियान में भी विराम लगा दिया है.
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इसके तहत नए सदस्य बनाए जाते थे. विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया, "हमारा संगठन सदैव अनुशासन में रहता है. मंदिर मुद्दे के निर्णय पर खासकर सतर्कता बरती जा रही है. कई लोग अनर्गल बयानबाजी करते है. परिस्थितियां देखकर ही बयान देना चाहिए." उन्होंने बताया कि नवंबर के सारे कार्यक्रम बहुत पहले ही रद्द कर दिए गए हैं. अभी लगभग सारे बड़े नेता दिल्ली में हैं. सभी का ध्यान अभी मंदिर को लेकर आने वाले निर्णय पर केंद्रित है.
Source : IANS