अयोध्या में सरयू तट पर खड़े होकर इसकी लहरों की लय में उतावलापन महसूस किया जा सकता है. यह व्यग्रता यहां पांचवें दीपोत्सव की छटा को देखने की हैं। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर वर्ष 2017 से शुरू हुए इस दीपोत्सव को अब पूरी दुनिया देखती है. आज यहां आने वाले हर श्रद्धालु की अभिलाषा रामलला के दर्शन के बाद भगवान श्रीराम का बन रहा भव्य मंदिर और शाम को शुरू होने वाले दीपोत्सव की छटा को निहारने की होती हैं. अयोध्या के दीपोत्सव के मुरीद अब पूरे संसार में हो गए हैं, इसे देखने के लिए अब देश विदेश से लाखों श्रद्धालु अयोध्या पहुंचने लगे हैं। अब यहां आकर हर श्रद्धालु जहां एक तरफ राममंदिर के निर्माण को लेकर गोरखनाथ पीठ की तीन पीढ़ियों के संघर्ष को जान पा रहा है। दूसरी तरफ लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा संवारी जा रही अयोध्या को देख पा रहे हैं।
अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर स्थल को देखने के साथ ही श्रद्धालुओं के लिए यहां स्थापित की जाने वाली भव्य राम प्रतिमा भी एक आकर्षण का केंद्र हैं। यह प्रतिमा दुनिया की किसी भी दूसरी प्रतिमा से अधिक ऊंची होगी। इसके लिए सरयू पर देश का सबसे लंबा घाट बन रहा है।
कई दशकों से अयोध्या पर पैनी नजर रखने वाले राजेन्द्र कुमार कहते हैं कि अयोध्या और गोरक्ष पीठ का रिश्ता पुराना एवं आत्मीय है। योगी के दादा गुरु ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ ने इसकी शुरूआत की थी। योगी जी के पूज्य गुरुदेव अवेद्यनाथ ने राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष के रूप में वर्षो तक राम मंदिर आंदोलन को रणनीति, दिशा और धार दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एजेंडे में अयोध्या सर्वोपरि है। अपने अब तक के कार्यकाल में वह अयोध्या की 30 बार अयोध्या आए है। उनके कार्यकाल की हर दिवाली में यहां असाधारण दीपोत्सव आयोजित हुए। अयोध्या, सरयू और साधु-संत गदगद हैं। रामनगरी में योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता जाति और धर्म से परे है। वह नई अयोध्या के नए नायक बताए जा रहे हैं। यहां के तमाम लोगों का तो यह भी कहना है कि भगवान राम की अयोध्या को मुख्यमंत्री योगी संवार रहें हैं। यह अयोध्या तो अब योगी की अयोध्या हो गई है। जल्दी ही योगी की यह अयोध्या यूपी की अर्थव्यवस्था का नया केंद्र बनेगी।
Source : News Nation Bureau