अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के पहले फेज का निर्माण कार्य पूरा हो गया है. जानकारी के अनुसार मंदिर में 46 लेयर का निर्माण कार्य कंपलीट हो गया है. नींव के प्लेटफॉर्म के ऊपर 1.5 मीटर का राफ्ट होगा. गर्भगृह के परिक्रमा मार्ग पर छह छोटे-छोटे मंदिर बनेंगे. परकोटे के लिए चार लाख धनफुट पत्थर मंगाया जाएगा. आपको बता दें कि अयोध्या में तेजी के साथ मंदिर निर्माण का काम चल रहा है. बताया गया कि पहली मंजिल बनते ही मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा, जहां वो रामलला के दर्शन कर सकेंगे.
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योध्या में राम जन्मभूमि मंदिर परिसर में छह अलग-अलग देवताओं के लिए समर्पित मंदिर होंगे. राम मंदिर निर्माण समिति द्वारा तैयार अंतिम खाका के अनुसार, छह मंदिर सूर्य, गणेश, शिव, दुर्गा, विष्णु और ब्रह्मा को समर्पित होंगे. राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने कहा, "देवताओं के ये छह मंदिर राम मंदिर की बाहरी परिधि के साथ-साथ परिसर के भीतर बनाए जाएंगे. भगवान राम की पूजा के साथ-साथ इन देवताओं की पूजा हिंदू धर्म में भी बहुत महत्वपूर्ण है." उन्होंने कहा कि राम मंदिर की नींव का निर्माण जोरों पर है और इसके अक्टूबर के अंत या नवंबर के पहले सप्ताह तक पूरा होने की उम्मीद है. राम मंदिर के सुपर स्ट्रक्च र के बेस (प्लिंथ) का निर्माण अक्टूबर के अंत से या नवंबर के पहले सप्ताह से नींव भरने के पूरा होने के बाद शुरू होगा. मंदिर परिसर में चार अलग-अलग स्थानों पर मंदिर की संरचना में पत्थरों की ऑन-साइट सेटिंग के लिए चार टावर क्रेन लगाए जाएंगे. मिश्रा ने कहा कि 1,20,000 वर्ग फुट और 50 फुट गहरे खोदे गए नींव क्षेत्र को अक्टूबर के अंत तक पूरा कर लिए जाने की उम्मीद है.
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उन्होंने कहा कि मंदिर ट्रस्ट ने नींव को समुद्र तल से 107 मीटर ऊपर लाने के लिए नींव क्षेत्र पर चार अतिरिक्त परतें बनाने का फैसला किया है. पहले जिस फाउंडेशन में इंजीनियर फिल मैटेरियल की 44 लेयर का इस्तेमाल होता था, उसे अब बढ़ाकर 48 लेयर कर दिया गया है. नींव भरने का काम पूरा होने के बाद फिर से सात फुट के राफ्ट की ढलाई की जाएगी. यह कास्टिंग कंक्रीट से की जाएगी जिसमें सीमेंट का भी इस्तेमाल किया जाएगा. अभी तक सीमेंट का उपयोग इंजीनियर्ड फील्ड सामग्री में नहीं किया जा रहा था, बल्कि पत्थर की धूल और फ्लाई ऐश का उपयोग किया जा रहा था.
Source : News Nation Bureau