अयोध्या के सामूहिक दुष्कर्म केस की पीड़िता का मंगलवार को गर्भपात कराया गया. लखनऊ के केजीएमयू के क्वीन मेरी अस्पताल के डॉक्टरों ने यह गर्भपात कराया है. मामले में डॉक्टरों ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार किया है. हालांकि, सूत्रों की मानें तो मंगलवार को पीड़िता का गर्भपात कराया गया है.
पीड़िता की हालत स्थिर
दुष्कर्म पीड़िता को सोमवार को अयोध्या से केजीएमयू रेफर किया गया था. पीड़िता के साथ सीएमओ सहित अन्य अधिकारी भी लखनऊ आए थे. डॉक्टरों ने पहले पीड़िता का टेस्ट किया, सब नॉर्मल मिला तो उन्होंने मंगलवार को गर्भपात कराया. चूंकि पीड़िता 18 साल से छोटी थी और उसका गर्भ 12 सप्ताह का था, जिस वजह से किसी प्रकार का कानूनी दांवपेंच नहीं फंसा. सुप्रीम कोर्ट की मानें तो 24 सप्ताह तक गर्भपात कराया जा सकता है. इस वजह से डॉक्टरों ने गर्भपात का निर्णय लिया. पीड़िता की स्थिति सामान्य है. जल्द ही उसे अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है.
मां को लग रहा है डर
दुष्कर्म पीड़िता की मां ने बताया कि आज दोपहर बिटिया का गर्भपात हुआ. हम लोग पहली बार इतने अस्पताल में हैं. सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात है. बेटी के कमरे के बाहर भी पुलिस खड़ी है, बावजूद इसके हमें डर लग रहा है. मैंने परिजनों को साथ खड़े रहने के लिए कहा है.
यह है पूरा मामला
बता दें, दुष्कर्म की घटना अयोध्या के पूरा कलंदर थाना क्षेत्र की है. मोईद खान सहित अन्य आरोपियों ने दुष्कर्म करते हुए पीड़िता का वीडियो बना लिया था. वीडियो के नाम पर ब्लैकमेल करते हुए आरोपियों ने कई बार पीड़िता के साथ घिनौनी हरकत की. पीड़िता जब दो माह की गर्भवती हो गई तब जाकर पूरा मामला खुला. पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने इस बारे में शिकायत की पर इस पर शुरू में कोई एक्शन नहीं लिया गया. बाद में विहिप, बजरंग दल और निषाद पार्टी ने प्रदर्शन किया तो पुलिस ने खान सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया. मामले में एनसीपीसीआर ने भी पुलिस को नोटिस दिया है.