अयोध्या विवाद मामले में मध्यस्थता पैनल की तरफ से सील बंद लिफाफे में रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद आज यानी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगा. इस दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ये तय करेगी कि इस मामले का निपटारा कैसे किया जाए, मध्यस्थता से या रोजाना सुनवाई के जरिए.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार 31 जुलाई को मध्यस्थता पैनल को अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन उन्होंने एक दिन बाद यानी एक अगस्त को अपनी रिपोर्ट सौंपी जिसके बाद कोर्ट ने 2 अगस्त को सुनवाई की तारीख तय की है.
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दरअसल, सुप्रीम कोर्ट का ये नया निर्देश तब आया था जब अयोध्या मामले के एक पक्षकार गोपाल सिंह विशारद ने एक याचिका दायर कर ये कहा कि मध्यस्थता कमेटी के नाम पर विवाद सुलझने के आसार काफी कम हैं. इससे सिर्फ समय बर्बाद हो रहा है इसलिए कमेटी खत्म कर सुप्रीम कोर्ट स्वयं इस मामले की सुनवाई करे. उनकी दलील थी कि अयोध्या मामले का विवाद 69 सालों से अटका पड़ा है. सुप्रीम कोर्ट की बनाई मध्यस्थता कमेटी ने विवाद को सुलझाने के लिए दोनों पक्षों के 11 संयुक्त सत्र बुलाए पर बातचीत का कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकला.
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गोपाल सिंह विशारद के पिता राजेंद्र सिंह ने ही अयोध्या मामले पर 1950 में पहला मुकदमा दाखिल किया था. जिसमें बिना रोक-टोक रामलला की पूजा का हक मांगा गया था. उसके बाद फैजाबाद जिला अदालत से होते हुए ये मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट तक पहुंचा था. अब ताजा हालात में ये माना जा रहा है कि अगर मध्यस्थता कमेटी की रिपोर्ट से कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकला तो 2 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट खुद इस मामले की रोजाना सुनवाई करने का फैसला ले सकता है.