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Ayodhya Ram Mandir: रामनवमी के मौके पर अयोध्या में धूम, 12:16 बजे सूर्य तिलक को देखने के लिए उमड़ा जनसैलाब

Ayodhya Ram Mandir: सूर्य तिलक देखने की अवधि 4 मिनट की होगी, श्रद्धालुओं की सुविधाओं को लेकर प्रशासन ने खास व्यवस्था की है.

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Mohit Saxena
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ram mandir( Photo Credit : social media)

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Ayodhya Ram Mandir: रामनवमी के मौके पर पूरी अयोध्या सज धज के तैयार है. देश भर से लाखों श्रद्धालु यहां पर पहुंचे हैं. ऐसे में दर्शनों को लेकर खास तैयारी की गई हैं. पूरे मंदिर परिसर को फूलों से सजाया गया है. इसके साथ ही दर्शन का समय भी बढ़ाया गया है. वहीं सूर्य तिलक को लेकर खास तैयारियां की गई हैं. दोपहर के 12 बजकर 16 मिनट पर सूर्य तिलक देखने को मिलेगा. इसकी अवधि 4 मिनट की है. प्रभु श्रीराम का जन्मोत्सव रामनगरी में आज धूमधाम से मानाया जा रहा है. पूरे परिसर को खूबसूरत लाइटिंग के साथ फूलों से सजाया गया है. श्रद्धालुओं की सुविधाओं का खास ख्याल रखा गया है.

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जूता-चप्पल रखने के साथ पीने के पानी की खास व्यवस्था की गई है. शुद्ध पेयजल के लिए श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह पर व्यवस्था की गई है. ऐसा बताया जा रहा है कि लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पर दर्शन के लिए पहुंंचने वाले हैं. दोपहर 12:00 बजे रामलला का धूमधाम से जन्मोत्सव मानाया जाएगा. रामलला  के जन्मोत्सव को लेकर सूर्य देव भगवान राम का तिलक करने वाले हैं. 

राम जन्म भूमि परिसर में लगभग पूरी तैयारियां हो चुकी हैं. प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था का खास ख्याल रखा है. श्रद्धालुओं को कतार में दर्शन का मौका मिलेगा. अयोध्या में दो पहिया और चार पहिया के वाहनों को मंदिर के आसपास प्रवेश नहीं मिल सकेगा. दर्शन के वक्त को बढ़ाकर 19 घंटे कर दिया गया है ताकि श्रद्धालु आराम से दर्शन कर सकें. दर्शन मंगला आरती से आरंभ होकर रात 11 बजे तक होंगे. भोग को लेकर पांच-पांच मिनट के लिए ही पर्दा बंद किया जाएगा. श्री राम जन्मोत्सव के प्रसारण को लेकर पूरे अयोध्या में करीब सौ बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई जाएंगी. 

ऐसे बनेगा सूर्य तिलक 

रामनवमी के मौके पर सूर्य तिलक को वैज्ञानिक प्रक्रिया से तैयार किया जाएगा. सूर्य की रोशनी तीसरे तल पर लगे एक दर्पण पर पड़ेगी. ये यहां से परावर्तित होकर पीतल के पाइप में प्रवेश करेगी. पीतल के पाइप में लगे दूसरे दर्पण में टकराकर 90 डिग्री ये परावर्तित होगी. किरणे पीतल की पाइप से होते हुए तीन अलग-अलग लेंस से होकर गुजरेगी. गर्भगृह में लगे शिशे से टकराने के बाद किरणें सीधे रामलला के ललाट पर 75 मिलीमीटर का गोलाकार तिलक बनाएगी.  

Source : News Nation Bureau

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