Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहे हैं. 22 जनवरी 2024 को मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इसी के साथ ये तारीख भारत के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो जाएगी. मर्यादापुरुषोत्तम भगवान राम के मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया जा रहा है. हर कोई भगवान राम के इस मंदिर के बारे में जानने के व्याकुल है. राम मंदिर में अब तक कुल 392 पिलर लगाए गए हैं. जबकि मंदिर के 44 गेट भी तैयार किए गए हैं. मुख्य मंदिर तक पहुंचने के लिए 32 सीढ़ियां बनाई गई हैं. बता दें कि महाबोधि और खजुराहों में बने मंदिर भी नागर शैली में तैयार किए गए थे.
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मंदिर की दीवारों पर दिखेंगे रामायण कालीन दृष्य
अयोध्या में बनाए जा रहे भव्य राम मंदिर में रामायण काल की झलक देखने को मिलेगी. मंदिर की दीवारों और स्तंभों पर भित्ति चित्र उकेरे गए हैं जो रामायण काल और त्रेता युग की झलक दिखाएंगे. राम मंदिर के स्तम्भों में पर प्रतिमा विज्ञान (आइकोनोग्राफी) के जरिए यक्ष-यक्षिणियो के भित्तिचित्रों को उकेरा गया है. मंदिर के स्तम्भों पर ओडिशा के कलाकारों ने भित्ति चित्र का निर्माण किया है. इसी के साथ मंदिर तर पहुंचने वाले मार्गों को भी रामायण काल के महत्वपूर्ण प्रसंगों के मनोरम चित्रण से सजाया जा रहा है. प्रतिष्ठित धर्म पथ रोड के किनारे टेराकोटा कलाकृतियों और भित्ति चित्रों को लगाया जाएगा.
ये भित्तिचित्र अतीत की पवित्रता और वर्तमान के बीच की अनूठी झलक दिखलाएंगे. कलात्मक अभिव्यक्ति के रूप में उनकी भूमिका से परे, ये भित्तिचित्र ज्ञान बढ़ाने का माध्यम बनेंगे. इस पहल को पूरा करने के लिए लिए मंदिर के मार्ग में 50 से अधिक भित्ति मूर्तियां और पेंटिंग लगाई गई हैं. जिनमें से प्रत्येक मूर्ति की ऊंचाई 9 फीट और चौड़ाई 20 फीट होगी. रामायण के विभिन्न प्रसंगों पर आधारित, ये कलाकृतियाँ महीन मिट्टी (केवल नदी तल की महीन मिट्टी) का उपयोग कर बनाई गई हैं. कलाकृतियां बनाने के लिए चुनी गई मिट्टी जंग से बचने के लिए यूरिया और नमक से मुक्त होगी. वहीं, कलाकृतियों की बेकिंग यानी फायरिंग 970-1050 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर बनी होगी.
मंदिर में लगे हैं महाराष्ट्र से सागौन के दरवाजे
इसके साथ ही राम मंदिर में महाराष्ट्र की सागौन के दरवाजे लगाए गए हैं. राम मंदिर के भूतल पर 14 खूबसूरत घुमावदार दरवाजे लगाए गए हैं जिन्हें महाराष्ट्र से लाई गई सागौन की लकड़ी से बनाया गया है. इन दरवाजों को तांबे से लेपित किया गया है. इसके साथ ही इन्हें सोने से जड़ा जाएगा.
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सोने से जड़े होंगे दरवाजे
भव्य राम मंदिर के दरवाजों की खूबसूरती और खासियत ये है कि इन दरवाजों को सोने से जड़ा जाएगा और इनपर खूबसूरत नक्काशीदार डिजायन की गई है. इन दरवाजों पर वैभव का प्रतीक गज यानी हाथी, सुंदर विष्णु कमल, स्वागत मुद्रा में देवी प्रतिमाएं चित्रित की गई हैं. मंदिर का चारों दरवाजे एक-दूसरे से अलग डिजाइन के हैं. गर्भगृह के दरवाजे की ऊंचाई 8 फीट और चौड़ाई 12 फीट है. वहीं अन्य दरवाजों की ऊंचाई केवल 8 फीट है इन दरवाजों की चौड़ाई एक दूसरे से अलग होगी. जो 12 फीट से कम होंगे. जरूरत पड़ने पर इन दरवाजों को आधा बंद या पूरा खोला जा सकता है.
नागर शैली में बना है मंदिर
बता दें कि राम मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया गया है. नागर शैली उत्तर भारतीय हिंदू वास्तुकला पर आधारित तीन शैलियों में से एक है. वास्तुशास्त्र के मुताबिक, नागर शैली के मंदिरों की पहचान उसका आधार से शीर्ष तक चतुर्भुज रूप होता है. इसकी खूबी ये होती है कि इस शैली के मंदिरों में लोहे और सीमेंट का इस्तेमाल नहीं किया जाता. राम मंदिर में चारों दिशाओं में चार अलग-अलग द्वार बनाए गए हैं. सभी द्वारों पर भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी. इसके साथ ही मंदिर में एक प्रदर्शनी, ध्यान कक्ष, धर्मशाला, अनुसंधान केंद्र, कर्मचारियों के लिए आवास, भगवान राम पर शोध और साहित्य के लिए पुस्तकालय भी बनाया गया है.
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जानें कितनी है मंडपों की ऊंचाई
मंदिर में बनाए गए पांचों मंडपों के गुंबदों का आकार 34 फीट चौड़ा रखा गया है जिनकी ऊंचाई 32 फीट है. वहीं आंगन के ऊपर की ऊंचाई 69 फीट से लेकर 111 फीट तक रखी गई है. राम मंदिर की लंबाई 380 फीट और चौड़ाई 250 फीट है. मंदिर के प्रांगण की ऊंचाई 161 फीट रखी गई है. राम मंदिर का पूरा गर्भगृह मकराना संगमरमर से बनाया गया है. राम मंदिर में 2100 किलोग्राम का घंटा लगाया गया है. जिसकी ऊंचाई 6 फीट और चौड़ाई 5 फीट रखी गई है. इस घंटे को यूपी के जलेसर में बनाया गया है. जिसकी कीमत 25 लाख रुपये बताई गई है.
HIGHLIGHTS
- राम मंदिर में दिखेगी त्रेता युग की झलक
- दीवारों पर उकेरे गए हैं रामायणकाली भित्त चित्र
- 392 पिलरों पर स्थापिक किया गया है राम मंदिर
Source : News Nation Bureau