सपा सांसद आजम खान को हाईकोर्ट से राहत मिली है. सपा सांसद आजम खां के खिलाफ दर्ज मुकदमों की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है.
किसानों व अन्य लोगों द्वारा दाखिल मुकदमों की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की गई थी जिसे हाईकोर्ट ने नहीं माना. याचिका में पुलिस की विवेचना पर सवाल उठाते हुए सीबीआई जांच की मांग की गई थी.
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हाईकोर्ट में सामाजिक कार्यकर्ता फरमूद हुसैन की ओर से याचिका दाखिल की गई थी. जस्टिस बी के नारायण और जस्टिस आर.एन. तिलहरी डिवीजन बेंच ने इस याचिका का खारिज कर दिया. इससे पहले आज आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के फर्ज़ी प्रमाण पत्र के मामले में आज़म की अर्जी भी खारिज हो गई थी. हाईकोर्ट ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में दर्ज मुकदमा रद्द करने से किया इंकार कर दिया है. फर्जी प्रमाणपत्र मामले में रामपुर की जिला अदालत में आजम खान के खिलाफ मुकदमा चल रहा है. याचिका में मुकदमा और चार्जशीट रद्द करने की मांग की गई थी जिसे मानने से कोर्ट ने इंकार कर दिया. हाईकोर्ट के इस आदेश से आजम खान उनकी पत्नी ताजीन फातिमा व बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खां को बड़ा झटका लगा है.
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कोर्ट ने कहा है कि किसी भी व्यक्ति को अपराध की प्राथमिकी दर्ज कराने का अधिकार है. चार्जशीट में प्रथम दृष्टया अपराधिक केस बनता है तो आरोप के साक्ष्य पर मुकदमे के विचारण के समय विचार किया जाएगा. कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया अपराध कार्य हो रहा हो तो कोर्ट हस्तक्षेप नहीं कर सकती. कोर्ट के इस फैसले से आजम खान के परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. धोखाधड़ी के आरोप में भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने गंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस मंजू रानी चौहान की एकल पीठ ने आदेश दिया है.
Source : News Nation Bureau