उत्तर प्रदेश में मदरसों के सर्वे का काम शुरू हो चुका है. इसी बीच आजमगढ़ के मदरसा अरबिया कासिमुल उलूम मंगरावा के प्रिंसिपल ने एक सनसनीखेज आरोप लगाया है. मदरसे के प्रिंसिपल मुफ्ती अब्दुल कादिर का कहना है कि जब उन्होंने अपने मदरसे में दीनी तालीम के साथ दुनियावी तालीम (आधुनिक शिक्षा) की बात कही तो उन्हें रुढ़िवादी मौलानाओं का विरोध झेलना पड़ा. न सिर्फ मौलाना बल्कि उनके मदरसा प्रबंधन को मदरसे में आधुनिक शिक्षा की बात सही नहीं लगी. इस पर प्रबंधन ने भी उन्हें तरह-तरह से प्रताड़ित किया, उन्हें धमकियां दी गई. मजबूरन वो पिछले महीने से ही छुट्टी पर हैं.
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हालांकि, इस संबंध में अब्दुल कादिर ने आजमगढ़ में संबंधित थाने पर शिकायत की है. अब्दुल कादिर जिस मदरसा के प्रिंसिपल हैं वो मदरसा सरकार द्वारा अनुदानित है. अब्दुल कादिर का आरोप है कि उनके मदरसे का प्रबंधन भारी भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है. अब्दुल कादिर का कहना है कि योगी सरकार की सर्वे की नीति मदरसों के उद्धार के लिए बहुत जरूरी है.
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गौरतलब है कि योगी सरकार मदरसों का सर्वे करा रही है. सरकार की मंशा है कि मदरसों के बच्चों को अभी अच्छी सुविधा और आधुनिक शिक्षा मिले. तमाम मुस्लिम संगठन सरकार के इस फैसले के खिलाफ है, लेकिन मदरसों में पढ़ने वाले तमाम मौलाना सरकार के साथ भी खड़े हैं.
Source : Avinash Singh