समाजवादी पार्टी के सीनियर लीडर आज़म खान ( SP Leader Azam khan ) के सपा छोड़कर दूसरे दल में जाने के कयास के बीच आज़म खान को इलाहाबाद हाई कोर्ट ( Allahabad High Court ) से तगड़ा झटका लगा है जिसके बाद परिवार के साथ ईद मनाने की आज़म की उम्मीदें टूट गयी है । दरअसल आज़म को उम्मीद थी कि ईद से पहले उन्हें उनके 72वें और अंतिम मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से उन्हें जमानत मिल जाएगी । शत्रु संपत्ति से जुड़े इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई करीब 4 महीने पहले ही पूरी हो चुकी है । महीनों से फैसले के लिए सुरक्षित इस मामले में कोर्ट अपना फैसला देने ही वाला था लेकिन सुनवाई में पहले अपनी बहस पूरी चुके सरकारी पक्ष ने एक अर्जी दाखिल कर कुछ और नए तथ्य प्रस्तुत करने के लिए कोर्ट से समय मांगा, जिसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 4 मई 2022 की एक और तारीख़ मुकर्रर कर दी ।
आज़म को 72 में से 71 मामले में पहले मिल चुकी है जमानत
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद आज़म खान के बुरे दिन शुरू हो गए थे 2019 में सांसद बनने के बाद से यूपी में उनके खिलाफ 72 मामले दर्ज किए गए । सालों की कानूनी लड़ाई के बाद आज़म को इनमें से 71 मामलों में तो जमानत मिल गयी लेकिन शत्रु संपत्ति से जुड़े एक मामले में कोर्ट का फैसला आना बाकी रह गया । इस मामले में 4 दिसंबर 2021 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जजमेंट रिजर्व कर लिया था लेकिन योगी सरकार के हस्तक्षेप के बाद मामले में फैसला आने को बजाय अब 4 मई को फिर से सुनवाई होगी । इस मामले से ये तय हो गया कि योगी सरकार आज़म को कोई रियायत देने के मूड में नही है ।
2019 में दर्ज हुआ था शत्रु संपत्ति कब्जाने का केस
साल 2019 में सांसद बनने के बाद आज़म खान पर अपने पद का दुरूपयोग करते हुए शिया वक़्फ़ बोर्ड को ज़मीन को जौहर विश्वविद्यालय में शामिल करने का मामला रामपुर के अजीमनगर थाने में दर्ज हुआ था । इस मामले में पुलिस की तरफ से चार्जशीट दाखिल की गई थी ।
इस मामले में आज़म खान ने पहले प्रयागराज के एमपी एमएलए कोर्ट में याचिका दाखिल की थी । एमपी एमएलए कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद आज़म खान इलाहाबाद हाई कोर्ट की शरण मे आये थे ।
Source : Manvendra Singh