बीजेपी के वरिष्ठ नेता कल्याण सिंह (kalyan singh ) ने बाबरी मस्जिद ढहाये जाने के मामले में तत्कालीन केन्द्र की कांग्रेस सरकार पर सोमवार को आरोप लगाया कि उसके इशारे पर मुकदमा चलाया गया और राजनैतिक विद्वेष के चलते उन्हें गलत फंसाया गया. बाबरी मस्जिद ढहाये जाने के मामले की सुनवायी कर रही सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष पेश होने के बाद अदालत परिसर से निकलते हुए कल्याण सिंह ने संवाददाताआअें से कहा, 'उस समय केन्द्र में कांग्रेस की सरकार थी इसलिए राजनीतिक विद्वेष के कारण मेरे उपर निराधार और गलत आरोप लगाकर केन्द्र सरकार के इशारे पर मुकदमा चलाया गया .'
उन्होंने कहा, 'उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री होने के नाते मैंने और मेरी सरकार ने अयोध्या स्थित विवादित ढांचे की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किये थे तथा उक्त ढांचे की सुदृढ सुरक्षा की दृष्टि से त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी .' उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके (88) वर्षीय कल्याण सिंह ने कहा कि समय समय पर संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों को विवादित ढांचे की सुरक्षा हेतु स्थिति के अनुसार सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये थे.
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उन्होंने कहा, 'इस प्रकरण में तत्कालीन केन्द्र की कांग्रेस सरकार के इशारे पर राजनैतिक विद्वेष से मेरे उपर झूठे और निराधार आरोप लगाकर मुझे गलत फंसाया गया है . मैं निर्दोष हूं .' सीबीआई की विशेष अदालत सीआरपीसी की धारा-313 के तहत मामले के 32 अभियुक्तों के बयान दर्ज कर रही है . इस मामले के आरोपियों में पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी और वरिष्ठबीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी शामिल हैं, जिनका बयान अभी तक दर्ज नहीं हुआ है . इन दोनों नेताओं के वकीलों ने विशेष अदालत से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बयान दर्ज कराने का अनुरोध किया है .
इस मामले के एक अन्य अभियुक्त राम चंद्र खत्री अभी एक अन्य मामले में हरियाणा की सोनीपत जेल में हैं. अदालत ने अपने कार्यालय को आदेश दिया है कि एनआईसी को पत्र भेजा जाये कि इन अभियुक्तों के बयान वीडियो कांफ्रेसिंग से दर्ज करने की व्यवस्था करे.
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एक अन्य अभियुक्त ओम प्रकाश पांडेय के खिलाफ अदालत ने पूर्व में एनबीडब्ल्यू जारी रख रखा है . उसके अनुपालन में सीबीआई की ओर से रिपेार्ट दी गयी कि उक्त अभियुक्त के भाई महेंद्र पांडे ने बताया कि ओम प्रकाश पांडेय काफी पहले साधु हो चुके हैं और वह घर नहीं आते . उन्होंने हालांकि एक हफ्ते में उनका पता करने की बात कही, इस पर अदालत ने सीबीआई को महेंद्र पांडे के सम्पर्क में रहने का आदेश दिया था.
अयोध्या में बाबरी मस्जिद दिसंबर 1992 में कार सेवकों द्वारा ढहाई गयी थी . उनका दावा था कि इस स्थान पर भगवान राम का मंदिर था . सीबीआई की विशेष अदालत उच्च्तम न्यायालय के आदेश पर इस मामले की सुनवाई रोजाना कर रही है और इसे 31 अगस्त तक सुनवायी पूरी करनी है .
Source : News Nation Bureau