उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में स्थित एक मंदिर परिसर में 3 जनवरी को कथित तौर पर 50 साल की एक महिला संग दुष्कर्म हुआ था और उसकी हत्या कर दी गई थी. इस मामले में मंदिर के पुजारी को दोषी मानते हुए उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी गई है. इस मामले के अन्य दो आरोपियों को सबूत मिटाने और गलत सूचना देने का दोषी पाया गया है. इससे पहले, महिला की मौत के दो दिन बाद दर्ज की गई प्राथमिकी में तीनों आरोपियों पर सामूहिक बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया गया था. ज्ञात हो कि 3 जनवरी की रात को गंभीर रूप से घायल महिला को लेकर ये तीन आरोपी उसके घर पहुंचे, जिसके कुछ मिनटों बाद महिला ने दम तोड़ दिया.
शुरुआत में स्थानीय पुलिस ने इसे एक दुर्घटना करार दिया, लेकिन जब अपराध के बारे में तथ्य और इसकी क्रूरता को लेकर चीजें सामने आईं, तो कुछ पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया और 5 जनवरी को प्राथमिकी दर्ज की गई. मामले पर उचित कार्रवाई नहीं होने और शव परीक्षण में देरी किए जाने के चलते स्टेशन हाउस अफसर (एसएचओ) सहित चौकी प्रभारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
महिला के परिजनों ने पुजारी पर लगाए आरोप
महिला के परिवारवालों ने आरोप लगाया था कि मंदिर परिसर में पुजारी सत्यवीर सिंह उर्फ सत्य नारायण और उसके दो शिष्यों ने मिलकर महिला संग दुष्कर्म किया और बाद में उसकी हत्या कर दी. इस घटना का असर महिला के पति पर इस कदर पड़ा कि उसे मनोचिकित्सक अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई है कि महिला को कई जगह गहरी चोटें आई थीं, जिसमें उसका प्राइवेट पार्ट भी शामिल है.
शाम को पूजा करने के लिए घर से निकली थी महिला
महिला के परिजनों ने मीडिया से बातचीत में बताया था कि वो शाम को पूजा करने के लिए मंदिर गईं थीं लेकिन काफी देर तक घर वापस नहीं लौटीं जिसके बाद घरवालों को चिंता हुई और उन्होंने खोजबीन शुरू की. महिला के पति ने मीडिया से बातचीत में बताया, रात साढ़े 11 बजे मंदिर के पुजारी गंभीर अवस्था में महिला को घर लेकर आए. उनके शरीर से खून बह रहा था. ज्यादा खून बहते बहने से महिला की मौत हो गई. मंदिर के पुजारी के साथ वेदराम और ड्राइवर जसपाल भी थे.
Source : News Nation Bureau