लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने पर उत्तर प्रदेश के निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी (Amanmani Tripathi) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. रिपोर्ट उत्तराखंड के टिहरी जिले में दर्ज की गई है. अमनमणि के खिलाफ टिहरी के मुनी की रेती थाने में महामारी अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया गया है. खास बात है कि नियमों की अनदेखी सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के पिता स्वर्गीय आनंद सिंह बिष्ट के पितृ कार्य के नाम पर की गई है. हालांकि, सीएम योगी के भाई महेंद्र ने किसी भी पितृ कार्य से इनकार किया है.
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अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने 11 लोगों की अनुमति जारी की थी
दरअसल, 11 लोगों के साथ विधायक अमनमणि त्रिपाठी चमोली पहुंचे थे. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता स्वर्गीय आनंद सिंह बिष्ट का पितृ कार्य पूरा करने के लिए अनुमति मांगी थी. उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने 11 लोगों की अनुमति जारी की थी. देहरादून से लेकर चमोली तक अमनमणि त्रिपाठी को पूरा प्रोटोकॉल दिया. हालांकि, तीन गाड़ियों में चमोली पहुंचे अमनमणि त्रिपाठी ने एसडीएम कर्णप्रयाग के साथ बदसलूकी की. इसके बाद मामला मीडिया में आ गया. आरोप है कि अमनमणि त्रिपाठी ने गौचर में डॉक्टर और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों के साथ बदसलूकी की और रौब दिखाते रहे.
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डॉक्टरों से बहस की और स्क्रीनिंग में सहयोग नहीं किया
कर्णप्रयाग के एसडीएम का कहना है कि अमनमणि त्रिपाठी अन्य लोगों के साथ यूपी से आए थे. उनके पास 3 वाहन थे. उन्हें गौचर बैरियर पर रोक दिया गया. उन्होंने बैरियर पर रोकने के बावजूद पार किया और कर्णप्रयाग पहुंच गए. उन्होंने डॉक्टरों से बहस की और स्क्रीनिंग में सहयोग नहीं किया. वे बहुत समझाने के बाद लौटे. वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता स्वर्गीय आनंद सिंह बिष्ट की अस्थियों को प्रवाहित किया जा चुका है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिरी इजाजत किस आधार पर दी गई. बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बावजूद अमनमणि त्रिपाठी को उत्तराखंड में प्रवेश कैसे करने दिया गया है.