उत्तर प्रदेश के बहराइच में रविवार शाम 6 के करीब दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान दो समुदाय के बीच हिंसा बरप गई. इस दौरान जमकर पत्थरबाजी और फायरिंग हुई. इस बवाल के चलते राम गोपाल मिश्र (22) नामक युवक की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए. हजारों लोग सड़क पर लाठी-डंडों के साथ तोड़फोड़-नारेबाजी उतर आए. हालात इस कदर बिगड़ गए कि इस हिंसा की आग लखनऊ तक पहुंच गई.
इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आनन-फानन में अधिकारियों संग बैठक बुलानी पड़ी. होम सेक्रेटरी, एडीजी से लेकर एसटीएफ चीफ तक को घटनास्थल भेजना पड़ा. पीएसी, आरएएफ और कई थानों की फोर्स जब मौके पर पहुंची तो करीब 18 घंटे बाद यानी कि आज 14 अक्टूबर की दोपहर तक हालात काबू में आए.
वर्तमान में ऐसे हैं हालात
गौरतलब है कि उपद्रवियों ने कई घरों, दुकानों, गाड़ियों को आगे के हवाले कर दिया था. बेशक यह आग अभी पूरी तरह ठंडी नहीं हुई हो लेकिन शहर से लेकर गांव-कस्बों तक ये हिंसा निशानी छोड़ गई है. कहीं धू-धू कर जलता अस्पताल, तो कहीं राख हो चुकी बाइकें. सड़क पर जलते टायर, सुलगती दुकानें चीख-चीख कर बहराइच हिंसा के हाल बयां कर रही हैं.
इधर, महसी तहसील में कर्फ्यू जैसी स्थिति बन गई है. हालात इस कदर हो चुके हैं कि कई लोग अपने घर तक छोड़कर भाग गए हैं. चप्पे-चप्पे पर पुलिसबल तैनात है. कई इलाके छावनी में तब्दील हो चुके हैं.
30 उपद्रवियों को पकड़ा
बहराइच जिला प्रशासन के अनुसार, अब तक 30 उपद्रवी हिरासत में लिए जा चुके हैं. हिंसा मामले में पुलिस ने अब्दुल हमीद, सरफराज, फहीम, साहिर खान, ननकऊ और मारफ अली समेत 10 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. इसी के साथ 4 अज्ञात के खिलाफ भी मामला दर्ज हुआ है.
सीएम योगी बनाए हुए हैं नजर
फिलहाल, आज बवाल के कंट्रोल में आने के बाद बिगड़े हालात पर काबू पाने के लिए 10 कंपनी पीएसी के साथ 4 एसपी रैंक के अफसर, दो एडिशनल एसपी, 6 सीओ, एक कंपनी आरएएफ को बहराइच भेजा गया है. इतना ही नहीं मौके पर STF का दंगा नियंत्रण वाहन बुला लिया गया है. लापरवाही पर पुलिसवालों पर एक्शन हुआ है. हरदी थाना प्रभारी और महसी चौकी प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है. हालात पर सीएम योगी की नजर गढ़ाए बैठे हैं.