उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के बजरंग यादव के संघर्ष से हर किसी को सीख लेने की जरूरत है. उन्होंने देश की सर्वोच्च परीक्षा को पास कर जिले के नाम रोशन कर दिया है. आईएएस बनने का उनका सफर बेहद कठिन था. मगर पिता के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए उनके अंदर एक जुनून ने आज उन्हें इस मुकाम पर पहुंचा दिया. उन्होंने अपने पिता के हत्यारों को बदला खुद को इस काबिल बनाकर किया जो असाहयों की मदद कर सके. यूपीएससी परीक्षा 2022 में मंगलवार को बजरंग प्रसाद यादव ने 454वां रैंक हासिल किया. वे बहादुरपुर विकास क्षेत्र के धोबहट गांव के निवासी हैं. इस सफलता से उनके परिवार के सदस्य फूले नहीं समा रहे हैं. उनके घर में मां कुसुमकला धोबहट ग्राम पंचायत की ग्राम प्रधान हैं. बजरंग प्रसाद यादव 4 भाई हैं. चारों भाइयों में अम्बिका यादव घर का काम देखते हैं. वहीं अरविंद यादव ने 12 वीं की परीक्षा पास की है. वहीं विकास ने आठवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है. एक बहन है जो आर्मी में मैटेरियल असिस्टेंट के पद पर है.
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आपको बता दें कि बजरंग के पिता राजेश यादव की 2020 में हत्या कर दी गई थी. वे गांव के एक किसान थे, वे हमेशा गरीबों की मदद करते थे. कई बार जमीन के मामले में उन्होंने कई विवादों का हल निकाला. अंत में गरीब को न्याय दिलाकर ही रहे. वे किसी का हक मरता हुआ नहीं देख सकते थे. ये बात गांव के दबंगों को रास नहीं आई और एक दिन उन्होंने बजरंग के पिता राजेश यादव सरेआम हत्या कर दी. इसके बाद बजरंग का घर तबाह हो गया. इसके बाद बजरंग ने पिता के हत्यारों को सजा दिलाने और गरीबों को न्याय दिलाने के लिए उन्होंने आईएस बनने की ठानी. आज वे अपने जुनून के कारण इतनी बड़ी उपलब्धी हासिल कर पाए हैं.
उन्होंने अपनी यूपीएससी की तैयारी दिल्ली में की. बजरंग ने गांव के एक छोटे से स्कूल से अपनी प्राथमिक शिक्षा हासिल की. दसवीं की परीक्षा लिटिल फ्लावर स्कूल कलवारी और इंटरमीडिएट की परीक्षा उर्मिला एजुकेशनल एकेडमी बस्ती से की. वर्ष 2019 में उन्होंने बीएससी मैथ इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से कंपलीट किया. बाद में यूपीएससी की तैयारी के लिए कोचिंग दिल्ली से की. बजरंग प्रसाद यादव की इस सफलता से पूरे गांव में उसके नाम की चर्चा है.
एक शख्स आईएएस बनकर कई मामले हर कर सकेगा
बजरंग यादव ने अपने इस जुनून को लेकर कहा, पिता के साथ जो घटना हुई, उसमें उन्होंने ये पाया कि एक बड़ा अफसर ही गरीब और असहायों की मदद कर सकता है. उन्होंने कहा कि एक मामले को हल करने के लिए आईएएस तो नहीं बन सकते, मगर एक व्यक्ति आईएएस बनकर कई मामलों का हल कर सकता है.
HIGHLIGHTS
- बजरंग प्रसाद यादव ने 454वां रैंक हासिल की
- बजरंग के पिता राजेश यादव की 2020 में हत्या कर दी गई थी
- बजरंग ने यूपीएससी की तैयारी दिल्ली में की थी