बाघंबरी गद्दी मठ के महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के बाद अनसुलझे रहस्यों के बीच मंगलवार को उनके शिष्य बलबीर गिरी को उनका उत्तराधिकारी नियुक्त कर दिया जाएगा. मुख्य कार्यक्रम 11 बजे से शुरू होगा. वहीं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) के दिवंगत अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की आज षोडशी की जाएगी. षोडशी कर्मकांड एवं अनुष्ठान में सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि सहित लगभग 10 हजार साधु-संत शामिल होंगे. दसनाम नागा सन्यासियों की परंपरा में किसी भी नागा सन्यासी साधु या महंत का शरीर छूट जाने के बाद षोडशी परंपरा की प्रक्रिया अपनाई जाती है.
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शिष्य बलबीर गिरी को महंतई चादरविधि के तहत वैदि मंत्रोच्चार के बीच निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, सचिव समेत सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में उन्हें श्रीमठ बाघंबरी गद्दी का महंत घोषित किया जाएगा. दिवंगत महंत नरेंद्र गिरी की षोडशी पूजा के बाद दिन के 12 बजे से बाघंबरी गद्दी मठ में नए महंत के रूप में बलवीर गिरि की महंतई चादर विधि की रस्म होगी. इस मौके पर महंत नरेंद्र गिरि को श्रद्धांजलि देने के लिए देश भर से हजारों की संख्या में संत महात्मा व अनुयायी जुटेंगे.
एक घंटे तक चलेगी चादर विधि की रस्म
कार्यक्रम के दौरान चादर विधि की रस्म भी तकरीबन एक घंटे तक चलेगी. इसके बाद दोपहर एक बजे से भंडारा शुरू होगा, जो देर शाम तक चलेगा. षोडशी की पूजा- श्रद्धांजलि सभा और महंतई की चादरविधि के लिए सिर्फ चुनिंदा मेहमानों को ही बुलाया गया है, जबकि भंडारे में तकरीबन दस हज़ार लोगों के शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है.
षोडशी के दौरान कड़ी सुरक्षा रहेगी
षोडशी आयोजन में काफी संख्या में लोगों के जुटने की उम्मीद है. इसे देखते हुए कड़े सुरक्षा प्रबंध भी किए गए हैं. इस दौरान 400 से ज्यादा जवान मठ के विभिन्न हिस्सों में तैनात किए जाएंगे. आठ थानों की फोर्स मठ के अंदर और बाहर ड्यूटी पर लगाई गई है. इसके अलावा एक प्लाटून पीएसी भी मौके पर मुस्तैद रहेगी.
कौन हैं बलबीर गिरी
बलबीर गिरी दिवंगत महंत नरेंद्र गिरि के तकरीबन 15 साल पुराने शिष्य हैं. महंत नरेंद्र गिरि ने बलबीर गिरि को हरिद्वार आश्रम का प्रभारी बनाया हुआ था. आनंद गिरि और बलवीर गिरि दोनों तकरीबन एक ही समय में महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य बने थे, लेकिन बलबीर गिरि सबसे प्रिय शिष्यों में एक थे. आनंद गिरि के निष्कासन के बाद बलबीर गिरि ही नंबर दो की हैसियत रखते थे. 35 वर्ष के बलबीर गिरि उत्तराखंड के निवासी हैं. साल 2005 में बलबीर गिरि को महंत नरेंद्र गिरि ने दीक्षा दी थी और बलवीर गिरि ने संन्यास धारण कर लिया था. बलवीर गिरि हरिद्वार में बिल्केश्वर महादेव की देखरेख व व्यवस्था देखते थे.
HIGHLIGHTS
- मुख्य कार्यक्रम 11 बजे से शुरू होगा
- दिवंगत महंत की आज षोडशी की जाएगी
- कर्मकांड में 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि शामिल होंगे