बलिया गोलीकांड (Balia Goli Kand) का मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह 72 घंटे से ज्यादा समय से अब तक फरार है. पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी हुई है. वहीं पुलिस का कहना है कि आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. अपनी हनक बरकरार रखने के लिए यूपी पुलिस (UP Police) ने सभी आरोपियों पर इनाम बढ़ाकर 50-50 हजार रुपये कर दिया है, लेकिन अब तक 8 नामजद और करीब 25 अज्ञात आरोपियों में सिर्फ 7 की गिरफ्तारी हुई है और इनमें भी सिर्फ दो ही नामजद हैं. बाकी नामजद आरोपियों का कोई पता ठिकाना नहीं है.
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सिर्फ दो नामजद आरोपी ही गिरफ्तार
इस मामले में अभी तक दो नामजद आरोपियों देवेंद्र प्रताप सिंह और नरेंद्र प्रताप सिंह को गिरफ्तार किया गया है. ये दोनों मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह के भाई हैं. फरार मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह सेना का रिटायर्ड जवान है. वह भूतपूर्व सैनिक संगठन की बैरिया तहसील इकाई का अध्यक्ष भी है. बताते हैं कि लगभग दर्जन भर पुलिस टीमें आरोपियों की तलाश में जुटी हैं.
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योगी सरकार सियासत के भंवर में
इस गोलीकांड पर सिसायत भी जमकर हो रही है. धीरेंद्र सिंह की बीजेपी से नजदीकियों के चलते विपक्ष लगातार योगी सरकार पर हमलावर है. रविवार को प्रियंका गांधी वाड्रा ने योगी सरकार पर निशाना साधा. यही नहीं, आरोपी का सत्ताधारी दल से जुड़ाव की बात सामने आने के बाद समाजवादी पार्टी (सपा), कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) बीजेपी को घेरने में जुटे हैं. इससे आजिज बीजेपी के जिलाध्यक्ष को सफाई देनी पड़ी कि धीरेंद्र पार्टी में किसी पद पर नहीं है.
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क्षेत्रीय विधायक आए खुलकर समर्थन में
जिलाध्यक्ष की सफाई के अगले ही दिन विवादित बयानों से हमेशा चर्चा में रहने वाले क्षेत्रीय विधायक सुरेंद्र सिंह ने यह स्वीकार किया कि धीरेंद्र पार्टी का कार्यकर्ता था. क्षेत्रीय बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने फायरिंग की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और लगे हाथ यह भी गिना दिया कि धीरेंद्र के पिता, बहन और अन्य परिजन भी घायल हुए हैं. 17 अक्टूबर की सुबह विधायक सुरेंद्र सिंह रेवती थाना में दूसरे पक्ष के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने पहुंचे थे. विधायक ने कहा कि अगर दूसरे पक्ष के खिलाफ केस दर्ज नहीं होगा तो धरने पर बैठ जाएंगे.