अलीगढ़ के सांसद भाजपा नेता सतीश गौतम (Satish Gautam) ने जिला अधिकारियों से इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए रमजान में अजान के लिए लाउडस्पीकर के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है. सांसद ने संवाददाताओं से कहा कि उच्च न्यायालय ने मस्जिदों से लाउडस्पीकर (Loudspeaker) के बिना अजान की अनुमति दी है. उन्होंने कहा कि वे उसी के कार्यान्वयन के लिए अधिकारियों से मिले थे, क्योंकि शहर की कई मस्जिदों को आदेशों का उल्लंघन करते हुए पाया गया था और सुबह-सुबह लाउडस्पीकरों का उपयोग किया गया था. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 15 मई को मस्जिदों से अजान की अनुमति दी थी, लेकिन कहा कि लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी जा सकती.
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कोर्ट ने कहा कि अजान इस्लाम का हिस्सा है
कोर्ट ने कहा कि अजान इस्लाम का हिस्सा है, लेकिन लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करना धर्म का हिस्सा नहीं है. संपर्क करने पर जिला मजिस्ट्रेट चंद्रभूषण सिंह ने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि ध्वनि प्रणाली को जब्त किया जा सकता है, अगर वे अनुमेय सीमाओं से परे शोर पैदा करते पाए गए. उन्होंने कहा, "अगर हमें इस संबंध में राज्य सरकार से भी आदेश मिलता है, तो हम इसे लागू करेंगे." समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक जमीरुल्लाह खान ने कहा कि ये नेता मुसलमानों को निशाना बनाने के लिए यह मुद्दा उठा रहे है.
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लाउडस्पीकर पर अजान की घोषणाओं से चिंतित हैं
उन्होंने कहा, "कोरोना वायरस से लड़ने के बजाय, वे लाउडस्पीकर पर अजान की घोषणाओं से चिंतित हैं."उन्होंने यहां तक दावा किया कि कुछ राजनीतिक नेता शहरभर में कोरोना वायरस फैला रहे थे और उनके नमूने भी जांच के लिए जाने चाहिए. खान ने कहा, "सांसद और विधायकों सहित इनमें से कई लोग एक रियल एस्टेट डेवलपर की मां के निधन के बाद धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल हुए थे. बाद में, उस व्यवसायी ने भी वायरस से दम तोड़ दिया और उनके परिवार के कई सदस्यों को भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया. फिर भी उन्हें क्वारंटीन नहीं किया गया है."