उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में पुलिस ने एक अंधे मर्डर की गुत्थी सुलझाई है. मामला बिसंडा थाना क्षेत्र का है, जहां चौंका देने वाले खुलासे हुए हैं. पुलिस ने बताया कि मृतक के भतीजे आदेश पांडेय ने ही अपने दो साथियों, विप्पा परिहार और रामनिहोर साहू के साथ मिलकर अपने चाचा की बेरहमी से जान ली थी और शव को सुनसान इलाके में छोड़कर फरार हो गया था.
ऐसे शुरू हुआ खेल
पुलिस ने बताया कि मृतक बुद्ध विलास आरोपी आदेश पांडेय के रिश्ते में चाचा लगते थे. 2023 में आदेश ने चाचा से बुलडोजर खरीदने के लिए 5 लाख रुपये उधार लिए थे, जिसे चाचा अक्सर वापस मांगते थे.
इसके अलावा, आदेश ने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के पास स्थित चाचा की बेशकीमती एक बीघा जमीन को फर्जी बैनामा किया और किसी तीसरे व्यक्ति के नाम बेच डाली थी. लेकिन जब इस फर्जीवाड़े की चर्चा गांव में होने लगी, तो आदेश डर गया और सोचने लगा कि कहीं चाचा को इस बात की भनक लग गई तो घर में विवाद खड़ा हो जाएगा.
भतीजे ही निकला कातिल
आदेश ने डर की वजह यानी कि अपने चाचा को ही रास्ते से हटाने की योजना बनाई. उसने हत्या की साजिश रची जिसके तहत, उसने 27 अक्टूबर को चाचा बुद्ध विलास को फोन कर लखनऊ से बांदा बुलवा लिया. आदेश ने झूठ बोलकर कहा कि जमीन करोड़ों में बिकवाने की बात तय हो गई है.
जैसे ही बुद्ध विलास बांदा पहुंचे, आदेश ने उन्हें चार पहिया स्विफ्ट गाड़ी में बैठाया और सुनसान जगह पर ले गया. यहां पहले से ही उसके साथी मौजूद थे, आरोपी के पहुंचते ही उसने साथियों के साथ रस्सी से गला घोंटकर उनकी हत्या कर दी. इसके बाद शव को सड़क किनारे खाई में फेंककर ठिकाने लगा दिया.
और पकड़े गये 3 आरोपी
इस सनसनीखेज वारदात के बाद 29 अक्टूबर को शिव गांव में पुलिस ने बुद्ध विलास का शव बरामद किया. जांच-पड़ताल शुरू हुई जिसके बाद पुलिस ने आदेश पांडेय, विप्पा परिहार, और रामनिहोर साहू को गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस ने बताया कि आरोपियों के कब्जे से गाड़ी, रस्सी, और फर्जी जमीन के दस्तावेज जब्त किये हैं. इस मामले पर एएसपी शिवराज ने बताया कि आरोपियों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है. उनके खिलाफ सख्त से सख्त एक्शन लिया जाएगा.