बाराबंकी के परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को जूता-मोजा बांटने में बड़ी लापरवाही का खुलासा हुआ है. यहां लड़कों के लिए लड़कियों के जूते भिजवा दिए गये. इतना ही नहीं अधिकारियों और शिक्षकों ने आंख बंद करके लड़कियों के जूते लड़कों को बांट भी दिये. जब इस बारे में लड़कों ने शिक्षकों को बताया तो इस लापरवाही की जानकारी सामने आई.
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अब इन जूतों को वापस करने की कार्रवाई शुरू की गई है. परिषदीय स्कूलों में लड़कों को लड़कियों के जूते बांटे जाने का मामला सामने आया है. जिले में कुल 2171 प्राथमिक और 847 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं. जिनमें 3 लाख 37 हजार 716 बच्चों का रजिस्ट्रेशन है. इन बच्चों के जूतों के लिए सभी खंड शिक्षा अधिकारियों की तरफ से डिमांड भेजकर जूते मंगाए गए थे.
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इसके बाद जिला मुख्यालय से सभी खंड शिक्षा अधिकारियों के पास जूते भेजे गए, लेकिन अधिकारियों ने बच्चों को जूते बांटने में बड़ी लापरवाही की. यहां के सिरौलीगौसपुर ब्लॉक क्षेत्र के स्कूलों में मिले जूते जब लड़कों ने पहने तो पता चला कि वह तो लड़कियों के जूते हैं. जब इस बारे में स्कूलों से शिकायत मिली तो बीईओ ने बीएसए को जानकारी दी और बच्चों से जूते वापस लिये गये. अकेले सिरौलीगौसपुर ब्लाक क्षेत्र में स्कूलों से चार हजार जूतों की वापसी कराई जा रही है.
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वहीं इस मामले में सिरौलीगौसपुर ब्लॉक की बीईओ शालिनी गुप्ता ने बताया कि उनके क्षेत्र में करीब चार हजार लड़कों को जूते इसलिए नहीं मिल सके क्योंकि उनकी जगह पर लड़कियों के जूते आ गए. इस बारे में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को बताया गया है और लड़कियों के जूते वापस करके लड़कों के जूते मंगवाने की कार्रवाई की जा रही है.
Source : News Nation Bureau