उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर तमाम अटकलों के बीच सूबे की सियासत हर दिन नया मोड़ ले रही है. आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक दांव-पेच का खेल चलने लगा है. उत्तर प्रदेश बीजेपी के अंदर बीते एक पखवाड़े से गहमागहमी बनी हुई थी, जिसका अंत योगी आदित्यनाथ के दिल्ली दौरे से हो पाया. लेकिन अब राजनीतिक गलियारे में चचार्एं बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) को लेकर हैं. बीते दिनों अपना दल (एस) की अध्यक्ष और सांसद अनुप्रिया पटेल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की तो दूसरी तरफ उनकी छोटी बहन अगले ही दिन सपा मुखिया अखिलेश यादव से मिलने पहुंचे गईं. इसे लेकर यूपी की सियासत में कुछ अलग कयास लगाए जा सकते हैं.
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अटकलों के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सांसद अनुप्रिया पटेल और संजय निषाद ने गुरुवार को मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद से एक बार फिर राजनीतिक गलियारे में चचार्एं शुरू हो गई हैं कि अनुप्रिया मोदी कैबिनेट में वापस शामिल हो सकती हैं. सूत्रों की मानें तो अनुप्रिया ने केंद्र के साथ उत्तर प्रदेश में भी संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में अपना दल के प्रतिनिधित्व को लेकर अमित शाह से बात की. यूपी में जिला पंचायत अध्यक्ष और प्रदेश के निगम और आयोग में पार्टी नेताओं को शामिल करने के लिए कहा.
उधर, अपना दल (कमेरावादी) की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पल्लवी पटेल अचानक से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने पहुंच गईं. शुक्रवार को पल्लवी पटेल ने अखिलेश यादव से मुलाकात की, जिसके सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. ऐसा कहा जा रहा है आगामी विधानसभा चुनाव में पल्लवी सामाजवादी पार्टी के साथ मिलकर लड़ना चाहती हैं और सपा भी इसे सकारात्मक मानकर चल रही है. हालांकि पल्लवी ने अखिलेश से मुलाकात से इनकार नहीं किया तो कुछ खुलकर बताया भी नहीं.
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गौरतलब है कि पल्लवी पहले भी अखिलेश यादव के साथ मिलकर चुनाव लड़ चुकी हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में पल्लवी की पार्टी भी सपा-कांग्रेस गठबंधन के साथ मैदान में उतरी थी. हालांकि नतीजों में पार्टी के हाथ खाली रहे थे, किसी भी सीट पल्लवी की पार्टी को नहीं मिली थी. ऐसे में फिर से 2022 के विधानसभा चुनाव में दोनों साथ आ सकते हैं.
आपको बता दें कि पल्लवी पटेल की मां कृष्णा पटेल अपना दल (कमेरावादी) की अध्यक्ष हैं. अनुप्रिया पटेल से इन दोनों की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता जगजाहिर है. अनुप्रिया और पल्लवी दोनों सगी बहनें हैं. उनके पिता सोनेलाल ने अपना दल पार्टी बनाई थी. पिता के निधन के बाद पार्टी की कमान मां के हाथ में आई थी और इसके बाद 2014 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद अनुप्रिया ने पार्टी के खिलाफ बगावत कर दी थी, जिससे अनुप्रिया और उनके पति आशीष को पार्टी से निकाल दिया गया था. 2016 में अनुप्रिया पटेल ने अपना दल (सोनेलाल) पार्टी बनाई थी.