संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) अब खुलेआम घोषणा कर चुका है कि वह पांच राज्यों में आसन्न विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार के खिलाफ प्रचार करेगी. इस तरह कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में किसान लगातार केंद्र सरकार के खिलाफ रणनीति बनाने में लगे हुए हैं. बंगाल में विधानसभा की 294 सीटें पर चुनाव होने हैं. पहले चरण का मतदान 27 मार्च को होगा. ऐसे में केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) को घेरने के लिए मतदान से ठीक 14 दिन पहले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) बंगाल में होने वाली महापंचायत में शामिल होंगे. जानकारी के मुताबिक 12 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा के किसान नेता डॉ. दर्शन पाल, योगेंद्र यादव, बलबीर सिंह राजेवाल आदि महापंचायत में शामिल होंगे तो वहीं 13 मार्च को राकेश टिकैत बंगाल की किसान महापंचायत को संबोधित करेंगे.
मोदी सरकार की खिलाफत की घोषणा कर चुका है एसकेएम
राकेश टिकैत का यह दौरा और वहां महापंचायत में शामिल होना इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि हाल ही में संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया था कि जिन राज्यों में अभी चुनाव होने वाले हैं, उन राज्यों में यह किसान संगठन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को किसान-विरोधी, गरीब-विरोधी नीतियों के लिए दंडित करने की जनता से अपील करेगा. यही कारण है कि एसकेएम के प्रतिनिधि इसी उद्देश्य के साथ बंगाल का दौरा करेंगे और विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे.
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बीजेपी बंगाल में लगाए है जी-जान
पश्चिम बंगाल में चुनाव को लेकर भाजपा पूरी तैयारी कर चुकी है, पार्टी के आला नेता लगातार बंगाल का दौरा और बैठकें कर रहे हैं, ऐसे में किसान नेताओं के दौरे से भाजपा को नुकसान पहुंचने से इनकार नहीं किया जा सकता. बंगाल में 8 चरणों में चुनाव पूरे किए जाएंगे, 294 सीटों पर जनता राज्य की सत्ता के लिए पहला मतदान 27 मार्च को होगा, वहीं, अंतिम चरण 29 अप्रैल को होगा और मतगणना 2 मई को होगी.
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बातचीत से नहीं बनी कोई बात
किसान तीन नए खेती कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से ही राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका कहना है कि उन्हें कोई गलतफहमी नहीं है, उन्होंने इन कानूनों को अच्छी तरह समझ लिया है, इसलिए विरोध कर रहे हैं. किसान नेताओं और सरकार के बीच 11 दौर की वार्ताएं विफल रही हैं. वह भी तब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद संसद में न सिर्फ एमएसपी जारी रखने का आश्वासन दे चुके हैं, बल्कि मंडी जारी रखने का दावा भी कर चुके हैं. यह अलग बात है कि किसान नेता कृषि कानूनों के रद्द होने से कम पर कोई बात सुनने को तैयार नहीं हैं.
HIGHLIGHTS
- एसकेएम पहले चरण के मतदान से पहले मोदी सरकार को घेरेगा बंगाल में
- राकेश टिकैत समेत कई बड़े किसान नेता शामिल होंगे महापंचायत में
- अन्य चुनावी राज्यों को लेकर भी बनाई जा रही है रणनीति