भदोही जेल में बंद कैदी अपने हुनर से किस्मत बदल रहे हैं. यहां के कैदी कालीन, दरी समेत कई अन्य चीजें बना रहे हैं. कैदियों के हाथों से बनाई कालनी जिला अधिकारी, मंडलायुक्त और मुख्य सचिव के ऑफिस की शोभा बढ़ा रहे हैं. भदोही जिले के जिला कारागर के कैदी अपराध और हथियार छोड़कर हुनरमंद बन रहे है और भदोही की पहचान बने कालीन का हुनर सीख पैसे कमा रहे हैं, जिससे जेल से निकलने के बाद अपराध की दुनिया छोड़कर फिर से अपने सामान्य जीवन की तरफ जाने का रास्ता तैयार हो. उनको हुनरमंद बनाने के लिए जिला प्रशासन , जेल और पुलिस प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है. आए दिन औचक निरीक्षण करने पहुंच रहे जिला अधिकारी गौरांग राठी और पुलिस अधीक्षक डॉ अनिल कुमार ने उनको कालीन बनाने के लिए लगातार कैदियो को प्रेरित कर रहे हैं.
जिला प्रशासन के इन्ही प्रयासों के कारण जेल में ही 9 लूम लगाए गए हैं और और अब तक 400 से ज्यादा कैदियो को ट्रेनिंग दिया जा चुका है. कैदियो की कमाई भी लाखों में हो रही है और अब तक कैदियों ने 4 लाख से ज्यादा की कमाई की है. खुले बाजार में कैदियो के बुने कालीन लोग खरीद पाए इसके लिए जिला प्रशासन ने कारागार के सामने ही ताना बाना नाम का आउटलेट भी खोल रखा है, जहां लोग अपने मन पसंद के कालीन खरीद सकते है, यही नहीं जिला प्रशासन कैदियों को रोजगार देने और उनके कमाई को बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन कालीन के एक्सपोर्टर से बात कराता है, जिससे उनके लिए भी कैदी कालीन बनाते हैं. कैदियों के हाथों बने कालीन आज जिला अधिकारी, मंडलायुक्त और मुख्य सचिव के केबिन की शान बढा रहे हैं.
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पूरे देश में मशहूर है भदोही की कालीन
जिला अधिकारी गौरांग राठी बताते हैं कि अपराध छोड़ फिर से सामान्य जीवन जीने के लिए हाथों में हुनर होना जरूरी है और कालीन उनके लिए अच्छा माध्यम बन सकता है. शुरू में थोड़ा प्रशिक्षण देना पड़ा और उन्हें इसके लिए प्रेरित किया गया, जिसके बाद अब लोग अब स्वयं काम करने लगे हैं. गौरतलब है कि ओडीओपी यानि एक जिला एक उत्पाद के तहत भदोही जिला का कालीन के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है. भदोही के कालीन देश की नयी संसद के दोनो सदनों, सहित संट्रल हॉल और कई दूसरी जगहों पर लगे हैं. उद्घाटन के समय खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भदोही का जिक्र करते हुए यहां के कारीगरों और उद्योग कों को बधाई एवं धन्यवाद दिया है.
Source : Abhishek Pandey