बीएचयू और सम्बद्ध कॉलेजों के 51 प्रोफेसरों ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) को लेकर जारी पत्र (Letter) को फर्जी (Fake) बताया है. जब इन प्रोफेसरों से इस विषय पर बात की गई तो समाजशास्त्र विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर अजीत कुमार पांडेय ने बताया कि 'मैं सीएए का समर्थक हूं संसद द्वारा संवैधानकि प्रक्रिया का पालन कर देशहित में जो भी कानून पारि किया जाता है उन सभी का स्वागत हो ना चाहिए. सीएए भी ऐसा ही कानून है'. अजीत कुमार पांडेय ने आगे कहा कि, 'कुछ लोग मेरे पास आए थे वो चाहते थे कि इस विषय पर चर्चा हो इसके लिए हमने अपनी सहमति जारी की थी और पत्र पर हस्ताक्षर किए थे ना कि विरोध के लिए.'
उन्होंने आगे कहा कि, मैं पूर्णतया सरकार के सदन के साथ हूं मेरे साथी भी सरकार के साथ है यह पत्र गलत ढंग से नीयत छुपा के जारी किया गया है.' कई प्रोफेसरों ने यह भी कहा कि उनसे बगैर सहमति लिए उनका नाम पत्र में डाला गया है. दूसरी तरफ समाजिक विज्ञान संकाय में हस्ताक्षर करने वाले प्रोफेसरों के खिलाफ गद्दार हैं गद्दार हैं के स्लोगन वाले पोस्टर भी जगह-जगह चस्पा हो गए हैं.
कई अन्य प्रोफेसरों ने भी पत्र के कंटेट पर आपत्ति प्रकट की है उनका कहना है कि जिस ड्राफ्ट पर हमने हस्ताक्षर किए वो यह है ही नहीं. हमारे दस्तखत के बाद पहले पन्ने का ड्राफ्ट बदल दिया गया. सामाजिक विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. आर पी पाठक, इतिहास विभाग के प्रोफेसर बिंदा परांजपे, प्राचीन इतिहास विभाग के प्रोफेसर राहुल राज सहित कई प्रोफेसरों ने पत्र के स्वरूप पर आपत्ति उठाई है गौरतलब है कि इनके दस्तखत पत्र में दर्शाये गए हैं.
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इसके पहले मीडिया में इन 51 प्रोफेसरों द्वारा हस्ताक्षरित पत्र मीडिया की सुर्खियों में बना था इस पत्र के मुताबिक काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के 51 प्रोफेसरों (Professors) ने संशोधित नागरिकता कानून (CAA) और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान (Signature Campaign) चलाकर अपना विरोध जताया है.
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सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहे छात्रों की गिरफ्तारी (Arrest of Students) के बाद बीएचयू और उससे संबद्ध 51 प्रोफेसरों ने यह अभियान चला कर अपना विरोध जताया है. गौरतलब है कि पिछले गुरुवार को वाम संगठनों के आह्वान पर सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहे करीब 12 छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. छात्रों का कहना है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे. उनका आरोप है कि तीन छात्रों को विश्वविद्यालय परिसर के हॉस्टल से गिरफ्तार किया गया.
Source : Ravindra Singh