काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में छात्राओं पर शनिवार की रात हुए लाठीचार्ज के मामले में कुलपति जीसी त्रिपाठी ने एक और विवादित बयान दिया है। बुधवार को छात्राओं से मिलने त्रिवेणी हॉस्टल पहुंचे त्रिपाठी ने कहा कि लड़किया अस्मिता के लिए बाजार पहुंच गईं।
उन्होंने कहा, 'धर्म की बात करने का अधिकार उन्हीं को हैं, जो खुद धर्म पर चलते हैं। तुम ये बताओ कि क्या लड़कियों ने ये धर्म का पालन किया कि एक लड़की की अस्मिता को लेकर वे बाजार पहुंच गईं?'
यह पहली बार नहीं है जब बीएचयू के कुलपति ने विवादित बयान दिया है। इससे पहले उन्होंने एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा था कि देशभर में लड़कियों के साथ छेड़छाड़ होती रहती है। साथ ही उन्होंने लड़कियों के साथ हुई छेड़खानी की घटना पर साजिश की ओर इशारा किया था।
बीएचयू को मिला पहला महिला प्रॉक्टर
बीएचयू में छात्राओं पर हुए लाठीचार्ज के मामले को लेकर बैकफुट पर आए विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने प्रॉक्टोरियल बोर्ड का मुखिया बदल दिया है। बीएचयू की नई चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर रोयाना सिंह को बनाया गया है।
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इससे पूर्व बीएचयू के चीफ प्रॉक्टर ओ. एन. सिंह ने बीएचयू में हुई हिंसा की जिम्मेदारी लेते हुए मंगलवार देर रात इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे को कुलपति ने मंजूर कर लिया था।
शनिवार देर रात छेड़खानी के विरोध में धरने पर बैठी छात्राओं को हटाने के लिए वाराणसी पुलिस ने बल प्रयोग किया था। इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री ने वाराणसी के कमिश्नर से रिपोर्ट मांगी थी।
कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव राजीव कुमार को भेज दी जिसमें उन्होंने इस घटना के लिए बीएचयू प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया था।
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Source : News Nation Bureau