विश्व सायकिल दिवस पर बुधवार को खबर आई कि 69 साल पुरानी एटलस साइकिल कंपनी ने आर्थिक तंगी के कारण अपना आखिरी प्लांट बंद कर दिया. इसके कारण कंपनी के 450 कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. एक समय था, जब इस कंपनी ने सालाना 40 लाख सायकिल बनाने का रिकॉर्ड बनाया था. लेकिन अब ले-ऑफ नोटिस में कंपनी के प्रबंधक ने कहा कि संचालकों के पास फैक्ट्री चलाने के लिए रकम नहीं है.
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यहां तक कि उनके पास कच्चा माल खरीदने का भी पैसा नहीं हैं. इस लिए वर्कर्स ले-ऑफ कर लें. इसमें कर्मचारियों को उपस्थिति दर्ज कराकर वापस जाना होता है. कंपनी पिछले कई सालों से भारी आर्थिक संकट से गुजर रही है. कंपनी ने सभी उपलब्ध फंड खर्च कर दिए हैं.
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अब स्तिथि यह है कि कंपनी के पास आय का कोई स्रोत नहीं बचा है. रोज के खर्चे के लिए भी रकम उपलब्ध नहीं हो पा रही है. नोटिस में प्रबंधन ने कहा है कि जब तक संचालक धन का प्रबंध नहीं कर लेते तब तक कारखाने में कच्चा माल नहीं आएगा. ऐसी स्थिति में संचालक फैक्ट्री चलाने की स्थिति में नहीं हैं.
मायावती ने कही ये बात
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने एटलस सायकिल फैक्ट्री के बंद होने पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'ऐसे समय जबकि लॉकडाउन के कारण बन्द पड़े उद्योगों को खोलने के लिए आर्थिक पैकेज आदि सरकारी मदद देने की बात की जा रही है जबकि यूपी के गाजियाबाद स्थित एटलस जैसी प्रमुख साइकिल फैक्ट्री के धन अभाव में बन्द होने की खबर चिन्ताओं को बढ़ाने वाली है. सरकार तुरन्त ध्यान दे तो बेहतर है.'
Source : News Nation Bureau