टेरर फंडिंग मामले में पुलिस कस्टडी में भेजे गए नाइजीरियन नागरिक एमेका माइकल और पीटर हरमन अस्सेंगा ने पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है. दोनों आरोपियों ने स्वाकीर किया है कि उनके गिरोह के तार, पाकिस्तान, चीन, रूस और नेपाल में भी जुड़े हैं और इन देशों में उनका बड़ा नेटवर्क है. नाइजीरियन गैंग ने भारतीय बैंक के खातों से रुपये उड़ाने के साथ-साथ नेपाली बैंक के खाते से भी 49 लाख रुपये उड़ाए थे. भारतीयों समेत दोनों नाइजीरियन से फिलहाल एटीएस की पूछताछ जारी है.
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उत्तर प्रदेश की एटीएस टीम ने 11 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी से 4 लोगों को पकड़ने के बाद टेरर फंडिंग के बड़े गिरोह का खुलासा करने का दावा किया था, जिसके तार नाइजीरियन गैंग से भी जुड़े थे. इस मामले में नाइजीरियाई नागरिक एमेका माइकल और पीटर हरमन अस्सेंगा को गिरफ्तार किया गया था. गुरुवार को दोनों नाइजीरियाई नागरिकों के अलावा एक अन्य आरोपी मुमताज को पूछताछ के लिए पुलिस कस्टडी में भेजा गया था. पीटर और माइकल को 7 दिन और मुमताज को एक के लिए पुलिस कस्टडी मिली. अभी और नाइजीरियन नागरिकों पर भी एटीएस की नजर है.
इससे पहले बरेली के इज्जतनगर से टेरर फंडिंग के एक कथित मामले के सिलसिले में दो और लोगों को गिरफ्तार कर किया गया. लखीमपुर से 11 अक्टूबर को गिरफ्तार किए गए चार व्यक्तियों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर सिराजुद्दीन और फहीम को गुरुवार को हिरासत में ले लिया गया. खबरों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोध दस्ते (एटीएस) ने उनके पास से एक एसयूवी और मोबाईल फोन भी बरामद किए.
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एटीएस अफसर ने बतााय कि ये दो दूसरे देशों से लोगों के बैंक खाते में धन हस्तांतरित करने के लिए कमीशन देने की पेशकश कर मासूम लोगों को प्रलोभन देते थे. एटीएस के अतिरिक्त महानिदेशक डी.के. ठाकुर ने कहा कि आरोपियों ने उमेद अली, समीर सल्मानी, संजय अग्रवाल, ऐराज अली को कमीशन का लालच दिया था. उन्होंने कहा कि इन दोनों की जोड़ी दूसरे देशों से इनके बैंक खाते में पैसे भेजते थे और बाद में उसे निकाल लेते थे. आगे चलकर फहीम आतंकवाद गतिविधियों को समर्थन देने के लिए इन पैसों को दिल्ली ले गया.
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