नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) की अयोध्या के संबंध में की गई टिप्पणी को लेकर वाराणसी में हिन्दूवादी संगठन द्वारा कथित नेपाली युवक का सिर मुंडाने के मामले में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. पुलिस ने बताया कि पीड़ित युवक नेपाली नहीं, बल्कि भारतीय है. वह वाराणसी (Varanasi) का ही रहने वाला है. पुलिस ने बताया कि युवक के आधार और वोटर आईडी कार्ड भी वाराणसी के ही हैं.
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वाराणसी पुलिस के अनुसार, पीड़ित पहले से ही आरोपियों को जानता था. पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि युवक को मुंडन कराने के एवज में एक हजार रुपए भी मिले थे. वाराणसी के एसएसपी अमित पाठक ने कहा कि हमने वीडियो में दिख रहे व्यक्ति से संपर्क किया. वह वाराणसी में रहता है और शहर में जल संस्थान की सरकारी कॉलोनी में उसका घर है. उन्होंने बताया कि पीड़ित के पिता और माता सरकारी नौकरी में हैं.
एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि अरुण पाठक नाम के व्यक्ति ने एक कथित नेपाली व्यक्ति का सिर मुंडवाने और आपतिजनक नारेबाजी का वीडियो अपने फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट किया था, जो वायरल हो गया. इसमें नेपाल के सम्बन्ध में आपत्तिजनक तथ्य पेश किए गए. इस सम्बन्ध में भेलूपुर थाना प्रभारी ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करते हुए संतोष पाण्डेय, आशीष मिश्रा, राजू यादव और अमित दुबे को गिरफ्तार कर लिया है.
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गौरतलब है कि नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की अयोध्या के संबंध में की गई टिप्पणी को लेकर वाराणसी में एक हिन्दूवादी संगठन ने गंगा किनारे एक नेपाली युवक का मुंडन करके उसके सिर पर जय श्री राम लिखवा दिया था. इतना ही नहीं युवक का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट भी कर दिया गया. इस दौरान नेपाली युवक से ओली के खिलाफ नारे भी लगवाए गए थे. वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि मुख्य आरोपी अब भी फरार है.