उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को काशी और मथुरा को लेकर बड़े संकेत दिए हैं. उन्होंने सदन में कहा कि महाभारत में भगवान में श्री कृष्ण ने कौरवों से पांच गांव की मांग की थी. मगर आज हिंदु केवल तीन केंद्र की बात कर रहे हैं. इन केंद्रों पर उनकी आस्था है. ये हैं अयोध्या, काशी और मथुरा. गौरतलब है कि काशी में ज्ञानवापी और मथुरा के शाही इदगाह का विवाद जारी है. अयोध्या राम मंदिर पर बोलते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर देशवासी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से बेहद खुश है. यह पहला मौका जब रामलला ने अपने अस्तित्व के होने का सबूत पेश किया हैं. लेकिन यह हमें दृढ़ता सिखाता है... हम न केवल इसलिए खुश थे क्योंकि भगवान राम को अपना स्थान प्राप्त हुआ. बल्कि इसलिए भी कि हमने अपनी बात रखी... मंदिर वहीं बनाया... हम केवल बात नहीं करते. हम बात पर चलते हैं.
ये भी पढ़ें: White Paper: क्या होता है श्वेत पत्र, आखिर क्यों बजट सत्र में सरकार ने इसे लाने का किया ऐलान?
आदित्यनाथ ने विपक्ष से पूछा,'यह (राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा) पहले ही हो जाना चाहिए था. हम जानते हैं कि मामला अदालत में था लेकिन अयोध्या की सड़कें चौड़ी हो सकती थीं. हवाईअड्डा बनाया जा सकता था. मगर विकास को रोकने की यह कौन सी मानसिकता थी'.
#WATCH | Lucknow: In Uttar Pradesh Assembly, CM Yogi Adityanath says, "... Injustice was done to Ayodhya. When I talk about injustice, we remember something 5 thousand years old... Lord Shri Krishna asked (Duryodhan) for half (of the property), but if that was difficult, then… pic.twitter.com/1uz4HViGaU
— ANI (@ANI) February 7, 2024
उन्होंने कहा, "बीती सरकार के शासन के दौरान अयोध्या को कर्फ्यू और निषेधाज्ञा का सामना करना पड़ा. सदियों तक, अयोध्या नापाक इरादों का शिकार रही. अयोध्या को अन्याय का सामना करना पड़ा और जब मैं अन्याय की बात करता हूं, तो मुझे 5,000 साल पहले हुए अन्याय के बात करनी चाहिए. पांडव को भी अन्याय का सामना करना पड़ा.
सीएम योगी ने कहा, “उस समय, कृष्ण कौरवों के पास गए और केवल पांच गांव मांगे. बाकी अपने पास रखो. दुर्योधन वो भी दे ना सका, आशीष समाज की ले ना सका…, ”. योगी ने कहा, "अयोध्या, काशी, मथुरा के साथ यही हुआ...कृष्ण पांच गांव चाहते थे और हिंदू समाज केवल तीन केंद्र चाहता है. हमारी आस्था के केंद्र." आदित्यनाथ ने कहा, "ये तीन केंद्र आस्था के लिए बहुत खास हैं. यहां एक दृढ़ संकल्प है और जब राजनीति इसमें शामिल हो जाती है, तो यह विभाजन पैदा करती है."
वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद में व्यास जी का तहखाना के उद्घाटन को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नंदी बाबा ने अयोध्या के उत्सव को देखने के बाद सोचा कि उन्हें इंतजार क्यों करना चाहिए. वाराणसी जिला अदालत द्वारा वहां हिंदू प्रार्थनाएं आयोजित करने की अनुमति देने के बाद तीन दशक बाद यह तहखाना खोला गया.
Source : News Nation Bureau