Advertisment

UP में दोबारा सत्ता में आने के बाद अब संगठन पर फोकस BJP का

प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिए इस बार सबसे मजबूत दावा पश्चिम उत्तर प्रदेश का बनता है. ध्यान रहे कि पश्चिमी उत्तर के इस इलाके में ब्रज का हिस्सा भी शामिल माना जा रहा है.

author-image
Nihar Saxena
New Update
BJP

किसी ब्राह्मण नेता को सौंपी जाएगी प्रदेश अध्यक्ष की कमान.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

उत्तर प्रदेश में रिकॉर्ड बहुमत के साथ भाजपा ने लगातार दूसरी बार सरकार का गठन कर लिया है. नई सरकार में प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को भी कैबिनेट मंत्री के तौर पर सरकार में शामिल किया गया है. इसके बाद से ही भाजपा जोर-शोर से अब संगठन के मुखिया यानी प्रदेश अध्यक्ष की तलाश कर रही है. भाजपा के एक दिग्गज नेता के मुताबिक सरकार गठन में उत्तर प्रदेश के जिन-जिन क्षेत्रों को जगह दी गई है उसे देखते हुए प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिए इस बार सबसे मजबूत दावा पश्चिम उत्तर प्रदेश का बनता है. ध्यान रहे कि पश्चिमी उत्तर के इस इलाके में ब्रज का हिस्सा भी शामिल माना जा रहा है. 

कई नाम है प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में
प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिए पार्टी आलाकमान कई नामों पर विचार कर रहा है. इनमें विधायक, विधान परिषद सदस्य और सांसद भी शामिल है. योगी आदित्यनाथ की नई सरकार में इस बार पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा को नहीं शामिल किए जाने के कारण के बारे में पूछे जाने पर भाजपा के एक दिग्गज नेता ने कहा कि दोनों ही नेताओं को संगठन में काम करने का लंबा अनुभव है और सरकार नहीं तो संगठन में पार्टी निश्चित तौर पर उनकी क्षमता का उपयोग करेगी. इनके अलावा कन्नौज में समाजवादी पार्टी का गढ़ ढहाने वाले लोकसभा सांसद सुब्रत पाठक और बस्ती के लोकसभा सांसद हरीश द्विवेदी भी प्रदेश अध्यक्ष की रेस में बताए जा रहे हैं. हालांकि इन सभी नेताओं में श्रीकांत शर्मा ब्रज क्षेत्र से आने के कारण रेस में सबसे आगे माने जा रहे हैं. 

किसी ब्राह्मण नेता को ही सौंपी जाएगी कमान
दरअसल, यह तय माना जा रहा है कि भाजपा उत्तर प्रदेश में संगठन की कमान किसी ब्राह्मण नेता को ही सौंप सकती है. 2004 के लोकसभा चुनाव के दौरान केशरीनाथ त्रिपाठी उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष थे तो वहीं 2009 लोकसभा चुनाव के दौरान रमापति राम त्रिपाठी के हाथ में उत्तर प्रदेश भाजपा की कमान थी. 2014 के लोकसभा चुनाव के समय मेरठ से ताल्लुक रखने वाले पार्टी के बड़े ब्राह्मण नेता लक्ष्मीकांत वाजपेयी प्रदेश अध्यक्ष थे और 2019 के लोकसभा चुनाव के समय भाजपा ने महेंद्र नाथ पांडेय को उत्तर प्रदेश में संगठन की कमान सौंपी हुई थी. इसी पैटर्न का हवाला देते हुए भाजपा के एक अन्य दिग्गज नेता ने बताया कि इस बार भी ब्राह्मण चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है.

लोकसभा चुनाव रहेंगे फोकस में
दरअसल दो वर्ष बाद 2024 में लोकसभा का चुनाव होना है और इसके मद्देनजर तमाम जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को साधते हुए भाजपा को एक ऐसे मजबूत चेहरे की तलाश है, जो उत्तर प्रदेश में उसके चुनावी लक्ष्यों को हासिल करने में मददगार साबित हो सके. देश की लोकसभा में सबसे ज्यादा 80 सांसद भेजने वाले उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर भाजपा कोई कोताही नहीं बरतना चाहती है. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ही भाजपा उत्तर प्रदेश संगठन में बड़े बदलाव की भी तैयारी कर रही है. 

संगठन महासचिव तैयार कर रहे रिपोर्ट
गौरतलब है कि मिशन 2024 के मद्देनजर एक तरफ जहां योगी सरकार से 22 मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. वहीं प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह एवं अरविंद शर्मा, प्रदेश के ताकतवर महासचिव जेपीएस राठौड़ और नरेंद्र कश्यप सहित संगठन के कई महत्वपूर्ण नेताओं को मंत्री बना दिया गया है. ऐसे में पार्टी प्रदेश संगठन में भी बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है. प्रदेश संगठन महासचिव सुनील बंसल इसे लेकर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं और कई स्तरों से फीडबैक लेने के बाद ही आलाकमान प्रदेश अध्यक्ष सहित संगठन में होने वाले फेरबदल पर अपनी मुहर लगाएगा.

HIGHLIGHTS

  • मिशन 2024 के मद्देनजर ब्राह्मण पर ही लगेगा दांव
  • संगठन महासचिव सुनील बंसल तैयार कर रहे हैं रिपोर्ट
BJP लोकसभा चुनाव लोकसभा चुनाव 2024 Uttar Pradesh बीजेपी उत्तर प्रदेश Loksabha Elections Mission 2024 State President प्रदेश अध्यक्ष
Advertisment
Advertisment
Advertisment