उत्तर प्रदेश चुनाव में बीजेपी ने अप्रत्याशित जीत हासिल की है। राज्य में सरकार का गठन भी जल्दी हो जाएगा और सरकार गठित होते हूी बीजेपी ने वादा किया है कि पहला फैसला किसानों की कर्ज माफी का होगा। राज्य के विधानसभा चुनावों के लिये जारी घोषणापत्र को बीजेपी ने ‘लोक कल्याण संकल्प पत्र’का नाम दिया था। सभी वादों को पूरा करना भी वहां की नई सरकार के लिये चुनौती होगी।
बीजेपी सरकार के सामने उन वादों को पूरा करने की चुनौती रहेगी, जो पार्टी और प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश की जनता से किए थे।
भारतीय जनता पार्टी की ओर से जारी घोषणापत्र में उत्तर प्रदेश को देश का ‘नंबर एक’ राज्य बनाने के लिये इसमें तमाम योजनाओं का जिक्र है। नई सराकार के सामने घोषणापत्र के वादों को पूरा करना एक बड़ी चुनौती होगी।
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राज्य के विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कई जनसभाओं में जोर देकर कहा था कि वहां पर सरकार बनते ही कैबिनेट की जो पहली बैठक होगी उसमें लघु और सीमांत किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा। ऐसे में अब प्रधानमंत्री के इस वादे पर सबकी नजरें रहेंगी कि कैबिनेट की पहली बैठक में किसानों को क्या मिलता है।
आँकड़ो के मुताबिक यूपी में किसानों पर 92 हजार 121 करोड़ रुपये बकाया है। यूपी में 2.33 करोड़ किसान है, जिनमें से 92 फीसदी तो लघु और सीमांत किसान है।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि राज्य से सांसद होने के कारण उनकी नज़र वहां हमेशा रहेगी कि राज्य सरकार कैसा काम कर रही है।
जानिये बीजेपी ने किसानों के लिये क्या वादे किये हैं-
1. सभी लघु एवं सीमांत किसानों का फसली कर्ज माफ किया जाएगा।
2. सभी लघु एवं सीमांत किसानों को ब्याज मुक्त फसली कर्ज मिलेगा।
3. भविष्य में गन्ना किसानों को फसल बेचने के 14 दिन में पूरा भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।
4. सरकार बनने के 120 दिन में बैंकों और चीनी मिलों के समन्वय से गन्ना किसानों की बकाया राशि का पूर्ण भुगतान।
धान खरीद एवं एमएसपी
1.न्यूनतम समर्थन मूल्य :एमएसपी: पर किसानों के धान की खरीदारी।
2. किसानों को फसल का सही मूल्य दिलाने के लिए सभी अनाज एवं सब्जी मंडियों को ‘ई मंडियों’ में तब्दील किया जाएगा।
3. आलू प्याज एवं लहसुन को न्यूनतम समर्थन मूल्य के दायरे में लाया जाएगा।
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कृषि बुनियादी ढांचा
1. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ सभी इच्छुक एवं जरूरतमंद किसानों तक।
2. सभी खेतों में कम दर पर बिजली।
3. सभी किसानों को सरकार की ओर से नया ‘एनर्जी एफिशियेंट पंप’।
4. प्रदेश के हर ब्लाक स्तर पर गोदाम और शीतगृह की व्यवस्था।
5. तीन साल में सभी किसानों को ‘मृदा हेल्थ कार्ड’।
पशुपालन
1. अवैध कत्लखाने कठोरता से किये जाएंगे बंद। सभी यांत्रिक कत्लखानों पर प्रतिबंध लगेगा।
2. गरीब परिवारों को पशुओं का मुफ्त इलाज सुनिश्चित करने के लिए पशु स्वास्थ्य बीमा योजना।
3. फसलों की क्षति रोकने के लिए हर ग्राम पंचायत स्तर पर भूमि आरक्षित कर पशु संरक्षण की योजना।
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राज्य में कानून व्यवस्था को प्रधानमंत्री समेत बीजेपी के सभी नेताओं ने मुद्दा बनाया था। सभी चरणों के चुनाव प्रचार में प्रधानमंत्री ने कई बार मंच से कहा है कि राज्य में महिलाओं की सुरक्षा हमेशा खतरे में रहती है। शाम के बाद वो बाहर नहीं निकल सकती हैं। साथ ही यह आरोप भी लगा था कि राज्य में जिसने थाने हैं वो समाजवादी पार्टी के कार्यालय हो गए हैं। इस पर भी नई सरकार को खासा ध्यान देना होगा। पुलिस रिफॉर्म और राज्य के पुलिस बल को चुस्त दुरुस्त करने की भी बात कही गई थी।
जानिये पुलिस को लेकर बीजेपी ने घोषणापत्र में क्या कहा है-
1. डेढ़़ लाख रिक्त पदों को बिना जाति धर्म के पक्षपात के, सिर्फ मेरिट के आधार पर भरा जाएगा।
2. पुलिस में सभी रिक्त आरक्षित पद एक साल में भरे जाएंगे।
3. सांप्रदायिक तनाव के कारण पलायन रोकने के लिए पुलिस में विशेष विभाग का गठन। हर जिले विशेषकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में डिप्टी कलेक्टर की नियुक्ति।
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इसके अलावा महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार को कई कदम उठाना पड़ेगा। जिसका वादा भी बीजेपी ने किया है।
राममंदिर
राममंदिर का मुद्दा एक ऐसा मुद्दा है जिसने पार्टी को 1991 में सत्ता तक ले आया और भारतीय राजनीति में पांव जमाने का मौका भी दिया। पार्टी ने आंदोलन चला कर राम मंदिर निर्माण के लिये लोगों को एकजुट किया। खासतौर पर पार्टी का मुख्य मुद्दा रहा है। हालांकि बीजेपी का कहना है कि राम मंदिर चुनावी मुद्दा नहीं है ये उसके लिये एक सांस्कुतिक मुद्दा है। लेकिन हर चुनाव के पहले बीजेपी राम मंदिर का जिक्र किसी न किसी रूप में करती जरूर है।
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान भी इसको लेकर पार्टी ने कोई फैसला नहीं किया और ये कहती रही कि मामला अदालत में है या फिर राज्य में उसकी सरकार नहीं है ऐसे में इस बार बीजेपी किस तरीके से इसे सुलझाती है ये देखना होगा। क्योंकि राज्य और केंद्र दोनों जगह उसकी सरकार होगी।
राम मंदिर पर बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में कहा है:-
संविधान के दायरे में अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए सभी संभावनाएं तलाशी जाएंगी।
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दलित
दलितों के मुद्दे पर बीजेपी को सभी पार्टियों ने घेरा है। लेकिन बीजेपी को लोकसभा चुनाव के दौरान दलितों का भी वोट मिला है। पार्टी का कहना है कि राज्य में दलितों की स्थिति अच्छी नहीं है उनके नाम पर वोट मांगने वालों ने सिर्फ उन्हें धोखा दिया है। पार्टी ने कहा था कि अगर उनकी सरकार आई तो वे दलितों के कल्याण के लिये योजनाएं लाएंगे।
एससी एसटी पर घोषणापत्र में बीजेपी का वादा-
1. अनुसूचित जाति एवं जनजाति :अत्याचार निवारण कानून के तहत दर्ज मामलों के जल्द निपटारे के लिए 25 नयी विशेष अदालतें।
2. अनुसूचित जाति एवं जनजाति की बस्तियों में बाबा साहेब अंबेडकर सामुदायिक केन्द्र।
उत्तर प्रदेश की आबादी 22 करोड़ है यानी देश की आबादी की 16 फीसदी, लेकिन जीडीपी में हिस्सा सिर्फ 12 फीसदी है। राज्य में पलायन की दर काफी ज्यादा है। ऐसे में रोजगार बढ़ाने को लेकर भी नई सरकार को कदम उठाने होंगे। जिसमें औद्योगिक विकास पर जोर भी शामिल है। साथ ही स्व रोजगार के मौके भी सरकार को पैदा करने होंगे। राज्य में तीर्थ स्थलों की संख्या और पर्यटन को लेकर संभावनाएं हैं। साथ ही राज्य में फूड प्रासेसिंग उद्योग को भी बढ़ावा दिया जा सकता है।
पर्यटन
1. राम सर्किट, कृष्ण सर्किट, बुद्ध सर्किट जैसे सांस्कृतिक पर्यटन सर्किट बनाये जाएंगे।
2. कबीर अकादमी की स्थापना।
Source : Pradeep Tripathi