उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले की मोहम्मदाबाद सीट से भाजपा विधायक अलका राय (Alka Rai) ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi) को एक पत्र लिखकर अपने पति के हत्यारोपी रहे बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को कांग्रेस शासित पंजाब की जेल से अदालतों में पेशी पर नहीं भेजे जाने की शिकायत करते हुए गम्भीर आरोप लगाए हैं. इस बीच, मुख्तार के भाई गाजीपुर से बसपा सांसद अफजाल अंसारी ने इसे न्यायिक हिरासत में मुख्तार की हत्या की साजिश का सुबूत करार देते हुए आरोप लगाया है कि उनके भाई के खिलाफ यह षड्यंत्र माफिया से राजनेता बने भाजपा विधान परिषद सदस्य बृजेश सिंह को इलाहाबाद में हुए हमले के एक मामले में बचाने के मकसद से रचा जा रहा है.
अलका वर्ष 2005 में गाजीपुर के भांवरकोल इलाके में हुए सामूहिक हत्याकांड में मारे गए तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की पत्नी हैं. इस मामले में मऊ से बाहुबली बसपा विधायक मुख्तार अंसारी का नाम मुख्य आरोपी के तौर पर सामने आया था. हालांकि, उन्हें तथा सात अन्य आरोपियों को विशेष सीबीआई अदालत ने पिछले साल जुलाई में बरी कर दिया था. अनेक मुकदमों में आरोपी मुख्तार इस वक्त पंजाब की रोपड़ जेल में बंद हैं.
अलका ने मंगलवार को लिखे पत्र में प्रियंका से शिकायत की है कि कांग्रेस और पंजाब में उसकी सरकार मुख्तार अंसारी को खुला संरक्षण दे रही है. उत्तर प्रदेश की विभिन्न अदालतों से अंसारी को तलब किया जा रहा है लेकिन पंजाब सरकार कोई ना कोई बहाना बनाकर उन्हें पेशी पर नहीं भेज रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और उसके नेतृत्व वाली पंजाब सरकार बेहद निर्लज्जता से अंसारी के साथ खुलकर खड़ी है. यह बात कोई भी नहीं मानेगा कि यह सब कुछ प्रियंका और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की जानकारी के बगैर हो रहा है.
भाजपा विधायक ने प्रियंका को लिखे पत्र में कहा कि मीडिया के माध्यम से मुझे पता चला है कि जब उत्तर प्रदेश पुलिस की गाड़ियां मुख्तार अंसारी को लेने गईं तब पंजाब सरकार ने उसे बचाने के लिए तीन महीने का बेड रेस्ट दे दिया. आप खुद भी एक महिला हैं. ऐसे में मेरा आपसे विनम्रता से सवाल है कि आप ऐसा क्यों कर रही हैं?.
इस बीच, मुख्तार के भाई सांसद अफजाल अंसारी ने भाजपा विधायक अलका के इस पत्र को मुख्तार की हत्या की साजिश का सुबूत बताते हुए 'भाषा' से कहा कि मुख्तार भाजपा विधान परिषद सदस्य बृजेश सिंह के खिलाफ वर्ष 2001 में इलाहाबाद में दर्ज हमले के एक मुकदमे में वादी और गवाह हैं. अब इस मामले में गवाही की प्रक्रिया शुरू हो गई है. चूंकि सरकार सिंह को बचाना चाहती है, इसलिये मुख्तार को गवाही देने से रोकने के लिये उन्हें उत्तर प्रदेश बुलाकर उनकी हत्या करवाना चाहती है.
उन्होंने सवाल उठाया कि जब उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर हर विचाराधीन कैदी को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये पेशी का हक दिया है तो अलका आखिर क्यों मुख्तार को उत्तर प्रदेश की अदालतों में पेश कराना चाहती हैं. इसका मकसद सिर्फ मुख्तार की हत्या कराना है.
गौरतलब है कि नवंबर 2005 में गाजीपुर के भांवर कोल इलाके में हुए सामूहिक हत्याकांड में मोहम्मदाबाद सीट से तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय समेत सात लोग मारे गए थे. इस वारदात में मुख्तार अंसारी समेत आठ लोगों का नाम सामने आया था. हालांकि, सीबीआई की विशेष अदालत ने इस मामले में पिछले साल जुलाई में सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया था.
Source : Bhasha