बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के करीबी माने जाना वाला राकेश पांडे उर्फ हनुमान पांडे के एनकाउंटर के बाद एक बार फिर सालों पुराना मामला चर्चा में आ गया है. साल 2005 में बीजेपी विधायक कृष्णानंद की हत्या कर दी गई थी. उसी समय एक ऑडियो तेजी से वायरल हुआ था, जो कि बेहद ही डरावना था. दरअसल, ये ऑडियो मुख्तार अंसारी और माफिया अभय सिंह के बीच हुई बातचीत का बताया गया था.
इस ऑडियो में में मुख्तार अंसारी कह रहा है कि मुन्ना बजरंगी और कृष्णानंद राय के बीच गोली चल रही है. चोटी काट ली, जय श्रीराम...मुट्ठी में है. बताया जा रहा है कि साल 2005 में यह कॉल एसटीएफ ने इंटरसेप्ट की थी. उस समयय अभय सिंह ने फैज़ाबाद जेल से गाजीपुर जेल में बंद मुख्तार अंसारी को कॉल किया था.
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इस मामले में आईजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि यह ऑडियो उस दिन की है, जिस दिन कृष्णानंद राय की हत्या की गई. उन्होंने यह भी बताया कि इस ऑडियो में चोटी काटने और जय श्री राम कहने का मतलब क्या है. यह बातचीत मुख़्तार अंसारी और अभय सिंह के बीच की है. दोनों उस वक्त जेल में बंद थे. कॉल अभय सिंह की तरफ से की गई थी. अभय सिंह किसी जमीन की डील को लेकर बातचीत की.
आईजी ने आगे बताया कि इस बीच में मुख्तार अंसारी ने बात बदल दी और कहा कि मुन्ना बजरंगी और कृष्णानंद राय के बीच गोलीबारी चल रही है. इस पर अभय सिंह ने पूछा कि गोली बराबर चल रही है या एकतरफा. इस पर मुख्तार अंसारी ने कटाक्ष के रूप में कहा कि जय श्रीराम. इस बात को अभय सिंह तत्काल समझ गया और उसने बातचीत खत्म कर दी, लेकिन उसके बाद मुख्तारअंसारी ने कहा कि 'काट लिहिन, मुट्ठी में'. ये जो जिक्र है कृष्णानंद राय चोटी रखते थे. हत्या के बाद हनुमान पांडे ने उनकी चोटी काट ली थी और मुख्तार अंसारी को दिया था.
बता दें कि माफिया डॉन से राजनेता बने मुख्तार अंसारी का करीबी सहयोगी और खूंखार शूटर राकेश पांडे को रविवार सुबह उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की एक टीम ने लखनऊ के बाहरी इलाके में मार गिराया है. अधिकारियों ने बताया कि शूटर राकेश पांडे उर्फ हनुमान पांडे पर 1 लाख रुपये का इनाम था.
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पुलिस ने बताया कि पांडे पिछले 23 वर्षों में अंसारी के गिरोह द्वारा की गई कई हत्याओं और गोलीबारी की घटनाओं में शामिल था. उस पर बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या की साजिश रचने का भी आरोप था, जिनकी 2005 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. लेकिन पांडे को अधीनस्थ अदालत में मुकदमे के बाद बरी कर दिया गया था.
पुलिस अधिकारी ने कहा कि पांडे के खिलाफ 1993 और 2010 के बीच कम से कम 10 आपराधिक मामले दर्ज हुए थे और अपराधी पिछले 10 वर्षों से फरार था. आईजी ने कहा कि पुलिस पिछले कई महीनों से उसे लगातार ट्रैक करने की कोशिश कर रही थी.