मनसे सुप्रीमो राज ठाकरे 5 जून को अपने परिवार के साथ अयोध्या जा रहे हैं. वैसे कहने को तो वह परिवार संग रामजन्मभूमि में रामलला और हनुमानगढ़ी में दर्शन-पूजन करने आ रहे हैं लेकिन बात इतनी भर नहीं है. राज ठाकरे अयोध्या आकर जो संदेश देने वाले हैं, उसका सीधा असर महाराष्ट्र में दिखायी देने वाला है. दरअसल, शिवसेना के एनसीपी से गठबंधन करके सरकार बनाने के बाद से ही भाजपा और मनसे शिवसेना पर हिंदुत्व से दूर होने का आरोप लगा रहे हैं. मनसे प्रमुख लंबे समय से महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर से अजान का विरोध कर रहे हैं. मस्जिदों से लाउडस्पीकर न हटाने की सूरत में वह लाउडस्पीकर से हनुमान चालीसा करने के लिए लोगों को उकसा रहे हैं.
राज ठाकरे का अपने परिवार सहित 5 जून को अयोध्या आने का कार्यक्रम है. लेकिन अब उनकी तयशुदा यात्रा विवादों में घिर गयी है. उत्तर प्रदेश के कैसरगंज से भाजपा के सासंद बृजभूषण शरण सिंह ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे को अयोध्या में नहीं घुसने देने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि अयोध्या आने से पहले राज ठाकरे को उत्तर भारतीयों से हाथ जोड़कर माफी मांगें. इतना ही नहीं उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी सलाह दी है कि जब तक राज ठाकरे माफी नहीं मांग लेते उनसे मुलाकात नहीं करनी चाहिए. सांसद ने यह भी कहा कि राम मंदिर आंदोलन से ठाकरे परिवार का कोई लेना देना नहीं है.
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बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि, "हम 2008 से देख रहे हैं, उन्होंने 'मराठी मानुष' के मुद्दे को सामने रखा, मुंबई के विकास में 80 प्रतिशत योगदान उन लोगों का है जो शहर से नहीं हैं. उन्हें अपनी गलती सुधारनी चाहिए."
सांसद ने कहा कि, उन्हें उत्तर भारतीयों से माफी मांगनी चाहिए, कहीं ऐसा न हो कि मैं उन्हें अयोध्या में प्रवेश न करने दूं. मैंने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से भी अनुरोध किया है कि जब तक वह माफी नहीं मांगते, तब तक उनसे न मिलें.