चुनाव से पहले हर सियासी दल जातीय समीकरणों को साधने के लिए अलग-अलग कार्यक्रम कराना शुरू कर देता है. 2024 के चुनाव से पहले बीजेपी ने भी अब जातिगत समीकरण साधने की शुरुआत कर दी है लेकिन इस बार किसी ओबीसी, एससी या एसटी कैटेगरी को नहीं बल्कि सामान्य वर्ग के सवर्णों को अपने साथ जोड़ने के लिए बीजेपी एक अभियान की शुरुआत करने जा रही है. 2022 के विधानसभा चुनाव के पहले नाराज ब्राह्मणों को मनाने के लिए बीजेपी ने अपने वरिष्ठ नेता शिव प्रताप शुक्ला को पूरे प्रदेश में जिम्मेदारी दी थी और अब सामान्य वर्ग के सवर्णों को भी जोड़ने की जिम्मेदारी शिव प्रताप शुक्ला को मिली है.
भ्रामक प्रचार में जुटे विपक्षी दल
पूर्व वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने न्यूज़ स्टेट/न्यूज़ नेशन से बात करते हुए कहा कि सवर्ण वर्ग शुरू से ही बीजेपी का साथी रहा है लेकिन तमाम दलों ने उसे अपने पाले में लाने के लिए कई तरह का भ्रामक प्रचार भी करना शुरू कर दिया है. यही कारण है कि अब अपने सामान्य वर्ग के साथियों को जोड़ने के लिए एक बार फिर से प्रयास किए जा रहे हैं.
महंगाई का संकट होगा खत्म
शिव प्रताप शुक्ला ने माना कि देश में महंगाई का असर है लेकिन उनका कहना है कि इसके साथ ही देश दूसरे क्षेत्रों में भी विकास कर रहा है और जल्द ही महंगाई का संकट भी खत्म हो जाएगा. लव जिहाद को एक बड़ी समस्या बताते हुए शिवप्रताप शुक्ला ने कहा कि कानून व्यवस्था को संभालना राज्यों का विषय है, लेकिन इस मुद्दे पर सभी को संवेदनशील होकर ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.
HIGHLIGHTS
- अभी से चुनावी मोड़ में आई बीजेपी
- सवर्णों को साधने के लिए बनाई रणनीति
- हमेशा से सवर्णों का व्यापक समर्थन पाती रही है बीजेपी
Source : Deepak Shrivastava