बीजेपी लोकसभा उपचुनाव में आजमगढ़ और रामपुर की सीट जीतने के बाद पूरे उत्साह में है और अब 2024 की तैयारी के लिए पूरी तरह से जुट गई है. बीजेपी ने इस समय अपना फोकस उन बूथों पर किया है जिन पर साल 2014 और 2019 के लोकसभा तथा 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की स्थिति अच्छी नहीं थी. इन सभी बूथों पर अपनी मजबूती बढ़ाने के लिए बीजेपी ने इस समय अपने सभी सांसदों और विधायकों को लगा दिया है. कमजोर बूथों को मजबूत करने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने 'सरल' नाम से एक एप लांच किया है. इस एप के जरिये कमजोर बूथों पर आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी की जीत की नींव तैयार करने की रणनीति बनाई जा रही है. सरल एप पर कई पॉइंट पर बूथ के कमजोर होने का डाटा अपलोड किया जा रहा है.
डाटा अपलोड कराने की जिम्मेदारी सांसद और विधायक को सौंपी गई है. एक सांसद को अधिकतम 200 और विधायक को 50 कमजोर बूथ का डाटा अपलोड करने के लिए पार्टी की ओर कहा गया है. सांसद और विधायक भी पार्टी कार्यकर्ताओं के माध्यम से इस काम में जुट गए हैं. पार्टी ने कमजोर बूथों की सूची सांसदों और विधायकों को उपलब्ध करा दी है. उसी आधार पर डाटा अपलोड करने का कार्य किया जा रहा है. डाटा अपलोड होने के बाद पार्टी नेतृत्व संबंधित बूथों के कमजोर होने की वजहों को दूर करने के लिए मार्गदर्शन करेगा.
एप पर पूरी जानकारी उपलब्ध रहने से बूथ स्तर की मानिटरिंग प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर भी हो सकेगी. इस एप पर पिछले चार चुनाव में बूथ पर भाजपा को मिले वोटों की संख्या, बूथ पर जाति और धर्मवार मतदाताओं का विवरण, बूथ के क्षेत्र में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों की सूची, बूथ क्षेत्र के प्रभावशाली लोगों की सूची और उनका पार्टी के प्रति रुझान, बूथ पर अन्य पार्टियों के नेताओं का ब्योरा और बूथ पर विपक्षी दलों के प्रभावी होने का प्रमुख कारण क्या है, इसके बारे में सरल एप में जानकारी भरी जा रही है.
इसके अलावा कमजोर बूथ पर भाजपा के खराब प्रदर्शन की वजह और बूथ जीतने के लिए भाजपा को क्या करने की जरूरत है, इसके लिए पार्टी के बूथ और सेक्टर लेवल के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें की जा रही हैं. इन बैठकों में कमजोर बूथ पर केंद्र और प्रदेश के कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों का पूरा डिटेल लेकर पार्टी के कार्यकर्ता उन तक पहुंच रहे हैं और उन्हें अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. गोरखपुर में सरल ऐप के जरिए कमजोर बूथों को मजबूत करने में जुटेगी.
Source : Abhishek Malviya