लोकसभा चुनाव मे भारत के सबसे बड़े सूबे मे झटका खाने के बाद भाजपा सतर्क हो गई है. भाजपा को पता है की अगर अगले विधानसभा चुनाव मे यूपी मे नुकसान होता है तो फिर भाजपा के विजय रथ अभियान को ब्रेक लग सकता है. ऐसे में कल लखनऊ मे संपन्न हुई. यूपी भाजपा कार्यसमिति की बैठक मे जो राजनैतिक प्रस्ताव पास किया गया उसमें मुख्य रूप से विपक्ष के संविधान बदलने और आरक्षण खत्म करने के नैरेटिव का भी मुख्य रूप से जिक्र हुआ है. चुनाव के बाद भाजपा अब इस बात को स्वीकार रही है की इस नैरेटिव ने यूपी में भाजपा का बड़ा नुकसान कर दिया.
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इस नैरेटिव ने दलित और पिछड़े वर्ग के एक बड़े धड़े को भाजपा से दूर कर दिया किसका खामियाजा भाजपा को उठाना पड़ा. कार्यसमिति की बैठक मे भाजपा ने तय किया है की इस नैरेटिव का सच बताने के लिए भाजपा अब पूरे प्रदेश मे एक बड़ा अभियान शुरू करेगी, जिसके तहत भाजपा कार्यकर्ता लोगों मे खासकर दलित और पिछड़े समाज के बीच जाकर लोगों को समझाने का काम करेंगे की आरक्षण और संविधान के मुद्दे पर विपक्ष द्वारा भ्रम फैलाया गया जबकि हकीकत ये है की भाजपा संविधान और आरक्षण की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.
भाजपा ने ये भी तय किया है की अभियान के जरिये लोगों को आपातकाल की याद दिलाई जाएगी की कैसे कांग्रेस ने आपातकाल मे संविधान को बंधक बना पूरे देश को जेल मे तब्दील कर दिया था. लोगों को ये भी बताया जाएगा कि संविधान को सबसे ज़्यादा खतरा कांग्रेस से है क्योंकि सबसे अधिक बार कांग्रेस कि सरकारों में ही संविधान को बदला गया, यानि कि भाजपा को अब यकीन हो गया है कि संविधान और आरक्षण के मुद्दे ने यूपी मे भाजपा के मिशन को बड़ा झटका दिया. कल लखनऊ मे संपन्न हुई कार्यसमिति कि बैठक में इस मुद्दे को लेकर जेपी नड्डा से सीएम योगी तक विपक्ष पर ज़बरदस्त हमलावार दिखे.
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Source : News Nation Bureau