उत्तर प्रदेश की राजनीति में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सियासत के रंग ढंग बदलने लगे हैं. विधानसभा चुनावों से ठीक पहले हुए पंचायत चुनावों ने सियासी चेहरों को और चमका दिया है. पंचायत चुनावों को विधानसभा का सेमीफाइनल माना जा रहा है और इस सेमीफाइनल में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है. जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत चुनाव में एकतरफा जीत से गदगद भारतीय जनता पार्टी ने अब मिशन-2022 पर काम करना तेज कर दिया है. आगामी वक्त में बैठकों और मंथनों का दौर शुरू होने जा रहा है. इसी कड़ी में 15 और 16 जुलाई को बीजेपी की बैठकें चलेंगी.
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बताया जा रहा है कि 15 जुलाई को बीजेपी के प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक होने वाली है, जो प्रदेश कार्यालय में होगी. इसी के साथ बीजेपी पूरी तरह से मिशन 2022 में जुट जाएगी. इस दौरान सबकी जिम्मेदारियां तय होंगी और फिर बैठक में मिलने वाली जिम्मेदारियों पर संबंधित पदाधिकारी विधानसभा चुनाव तक पूरी सक्रियता के साथ काम करेंगे. इसके बाद 16 जुलाई को होने वाली प्रदेश कार्यसमिति की बैठकत का मुख्य एजेंडा विधानसभा चुनाव की तैयारियां का ही होगा. बैठक वर्चुअल तरीके से आयोजित होगी, जिसकी शुरुआत बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा दिल्ली से करेंगे. बताया जा रहा है कि इस बैठक में प्रदेश के पदाधिकारी और क्षेत्रीय अध्यक्ष बीजेपी प्रदेश कार्यालय से जुड़ेंगे.
गौरतलब है कि जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के बाद क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी का दबदबा रहा है. बीजेपी ने परचम फहराते हुए शनिवार को हुए क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष चुनाव में 825 में से 735 क्षेत्र पंचायतों में चुनाव लड़कर 635 से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज की. जबकि ब्लाक प्रमुख के चुनाव में भी बीजेपी का प्रदर्शन शानदार रहा है. ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में 825 सीटों में से बीजेपी ने 635 सीटों पर जीत दर्ज कराई है. इनमें 334 पहले ही निर्विरोध चुने गए थे.
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इससे पहले जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में 75 सीटों में से 67 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की और इसी के साथ मिशन-2022 के लिए सत्ताधारी दल की राह आसान बनाएगा. इस चुनाव ने सपा को बड़ा झटका दिया है, उसे महज पांच सीटें मिली है. जिला पंचायत अध्यक्ष की 22 सीटों पर पहले ही निर्विरोध निर्वाचन हो गया था, जिसमें से 21 बीजेपी तो एक सपा के खाते में गई. शेष 53 सीटों के लिए मतदान हुए और नतीजों ने बीजेपी को बूस्टर डोज देने के काम किया है. ऐसे में अब बीजेपी 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए मिशन मोड़ में आ रही है.