BRD मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में 2017 में बच्चों की दिमागी बुखार (इंसेफ्लाइटिस) से हुई मौत के मामले में रजनीश दुबे प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने कहा कि डॉक्टर कफील खान इस मामले में गलत व्याख्या कर रहे हैं और खुद को साशन द्वारा दोष मुक्त बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि कफील खान सोशल मीडिया पर भी खुद को सभी दोषों से मुक्त बता रहे हैं.
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उनके द्वारा दिया गया ये बयान गलत है. उन्होंने कहा कि इन तीनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई साशन द्वारा विचाराधीन है. उन्होंने कहा कि इन पर लगे सभी आरोपों पर साशन द्वारा कोई फैसला नहीं लिया गया है. डॉक्टर कफील को शासन द्वारा कोई क्लीन चिट नहीं दी गई है. जबकि BRD मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के बाद डॉक्टर कफील पर 4 गम्भीर आरोप लगाए गए थे. जिसमें भ्र्ष्टाचार और अनुशासन हीनता के आरोप लगे थे. सरकारी डॉक्टर होते हुए भी प्राइवेट प्रैक्टिस के भी आरोप लगे थे. इस मामले में राजीव मिश्रा, सतीश कुमार और डॉक्टर कफील खान को निलंबित किया गया था.
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वहीं इससे पहले कफील खान ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर धमकाने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने मुझे 13 अगस्त, 2017 को फोन किया और कहा- तू सिलेंडर लाया था, तुझे देखता हूं. इन चार शब्दों ने मेरी जिंदगी बदल दी. मुझे लगता है कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने मुझे सिर्फ उन लोगों को बचाने के लिए बलि का बकरा बनाया, जो मौतों के असली अपराधी थे.'